नई दिल्ली : वोट चोरी के दावों के बीच चुनाव आयोग (EC) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों में भेदभाव नहीं करता. चुनाव आयोग के लिए पक्ष-विपक्ष नहीं है. संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे. सभी दल वोटर लिस्ट में सुधार की मांग करते हैं.
त्रुटि सुधार की मांग होती रही है. SIR की शुरुआत बिहार से की गई. 1 सितंबर तक त्रुटियां दूर करने का समय है. चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है. सभी BLO पारदर्शी ढंग से काम कर रहे हैं. चुनाव आयोग के दरवाजे हमेशा खुले हैं. वोट चोरी जैसे गलत शब्द का इस्तेमाल हो रहा है.
जनता तो गुमराह करने की असफल कोशिश हो रही है. बिहार के 7 करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ है. वक्त रहते त्रुटियों को बताना जरूरी हैं. चुनाव आयोग बिना भेदभाव मतदाताओं के साथ है. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज़्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं. इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है.
कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया. जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है. जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.