नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को शहर की एक अदालत में पेश किया और उनकी 10 दिन की हिरासत मांगी. ईडी ने दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया है.
सिसोदिया की पेशी के मद्देनजर ‘राउज एवेन्यू’ अदालत परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई. आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों ने अदालत परिसर के बाहर धरना दिया और सिसोदिया के समर्थन में नारे लगाए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों ने इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया.
सिसोदिया के खिलाफ गवाह और अन्य सबूत:
संघीय एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल के समक्ष सिसोदिया को पेश किया और उनके सामने दलील दी गई कि ‘‘घोटाला’’ सिसोदिया और अन्य द्वारा नयी आबकारी नीति का मसौदा तैयार किए जाने के तुरंत बाद शुरू हुआ. ईडी के वकील ने कहा कि इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ गवाह और अन्य सबूत हैं.
सिसोदिया धन शोधन मामले से संबद्ध गठजोड़ का हिस्सा:
उन्होंने कहा कि हवाला के जरिए पैसे के लेन-देन की भी जांच की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि सिसोदिया धन शोधन मामले से संबद्ध गठजोड़ का हिस्सा थे. सिसोदिया को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की आबकारी नीति (जिसे अब वापस ले लिया गया है) में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने इसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पूछताछ की और बृहस्पतिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सोर्स-भाषा