जयपुर : प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट समिट से पहले आज ऊर्जा विभाग की प्री समिट आयोजित की गई. राजधानी के मेरियट होटल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समिट का शुभारम्भ किया, जिसमें 6.57 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू का आदान-प्रदान किया गया. इन एमओयू से सौर, पवन, हरित हाइड्रोजन, हाइब्रिड, पंप स्टोरेज, बैटरी स्टोरेज और हरित अमोनिया परियोजनाओं सहित अक्षय ऊर्जा और बिजली उत्पादन क्षेत्र के विभिन्न खंडों में परियोजनाएं स्थापित करने की राह खुली है.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन से राज्य में लगभग 70000 नए रोजगार सृजित होंगे. राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निवेशकों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "राजस्थान अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है. राज्य में 2245 मेगावाट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा सौर पार्क है, यहां 325 दिन से अधिक धूप रहती है. हमारे पास सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में असीमित अवसर मौजूद हैं. हमारा लक्ष्य राजस्थान को एक एनर्जी-सरप्लस राज्य बनाना है जो न केवल प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों और देशों की मांगों को भी पूरा करने में भी सक्षम हो. इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी 2024 लाएगी, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में कई नए संभावनाओं, जैसे कि पंप भंडारण, हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण, जैव ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा आदि क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा, "सरकार निवेशकों की व्यापक निगरानी और मार्गदर्शन के माध्यम से एमओयू के शीघ्र क्रियान्वयन की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार ने कार्यकाल के पहले वर्ष में ही 'राइजिंग राजस्थान' वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन 2024 आयोजित किया है, जो मजबूत इरादे और हमारे दृढ़ निश्चय को दर्शाती है. आने वाले 3-4 वर्षों में एमओयू को धरातल पर चालू परियोजनाओं में परिवर्तित करने के लिए काम किया जाएगा". समिट से पहले अक्षय ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में एमओयू होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, इन्वेस्टमेंट समिट के तहत ऊर्जा क्षेत्र भारी मात्रा में निवेश जुटाने में सबसे आगे रहा है.
हालांकि राज्य सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्रों में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है, लेकिन यह जानकर बहुत खुशी होती है कि आज बहुत सारे निवेशकों ने अक्षय ऊर्जा के नए क्षेत्रों में परियोजनाएं स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव-ऊर्जा आलोक ने कहा, "राजस्थान ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र और सही नीतिगत माहौल बनाया है, जो न केवल राजस्थान के ऊर्जा परिवर्तन में बल्कि पूरे देश के लिए योगदान देगा. इस दौरान कार्यक्रम में आरआरईसी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, डिस्कॉम्स की अध्यक्ष आरती डोगरा, आरवीपीएनएल के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल, आरआरईसीएल और आरयूवीआईटी के प्रबंध निदेशक ओम प्रकाश कसेरा, जोधपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक भंवरलाल मौजूद रहे.