VIDEO: राजस्थान में नकली दवाओं को लीगल "छूट" ! ड्रग आयुक्तालय ने पिछले 3 सालों के दौरान जांच में 58 नकली दवाएं पकड़ी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश के ड्रग आयुक्तालय में अफसरों की मिलीभगत से नकली दवा बनाने वाली कम्पनियों को लीगल "छूट" दी जा रही है. जी हां ये कोई हमारा आरोप नहीं, बल्कि खुद आयुक्तालय की तरफ से नकली दवा निर्माता कम्पनियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की बानगी है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में ड्रग अधिकारियों ने 58 दवाएं नकली पकड़ी, लेकिन जब कोर्ट में मामला पहुंचाने की बात आई तो ऊपर से लेकर निचले स्तर के अफसरों ने अलग-अलग बहाने बनाकर प्रकरण कागजों में दफन कर दिए. आखिर क्या है राजस्थान में ड्रग अधिकारियों के मनमाने रवैये से चल रहे नकली दवाओं के खेल की तस्वीर.

राजस्थान में एक आदेश के जरिए नकली दवाओं की परिभाषा बदलने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि एकबार फिर ड्रग आयुक्तालय चर्चाओं में है. ताजा मामला भी नकली दवाओं से ही जुड़ा है, जिसमें नकली दवाएं बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर अफसरों की बड़ी मेहरबानी सामने आई है. दरअसल, ड्रग आयुक्तालय को पिछले तीन सालों के दौरान जांच में 58 नकली दवाएं नकली मिली हैं. लेकिन नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट देखे तो ये न के बराबर है. अब इसे विभागीय स्तर की मिलीभगत कहे या दोषी कम्पनियों के कॉस्टीट्शन लाने की प्रक्रिया में लेटलतीफी, जिसके चलते सिर्फ 9 फार्मा कंपनियों के खिलाफ अभियोजना स्वीकृत दी गई. आश्चर्य की बात ये है कि 9 अभियोजन स्वीकृति में से भी अफसरों ने महज 6 कंपनियों के खिलाफ ही अब तक मामला दर्ज कराया है..

नकली दवाओं का तीन साल का रिपोर्ट कार्ड
साल ::::::::::: नकली दवाओं के प्रकरण ::::::::::::::::::::अभियोजन स्वीकृति:::::::::::केस फाइल
2023::::::16::::::::::::09::::::::::::06
2024::::::39::::::::::::00::::::::::::00
2025::::::03::::::::::::00::::::::::::00

अब तक सिर्फ 6 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज
1. पार्थ फार्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड की parth diclo plus tab दवा को लेकर साल 2024 में केस दर्ज
2.  पार्थ फार्मुलेशन  प्राइवेट लिमिटेड की parth pain relief tab दवा को लेकर साल 2024 में केस दर्ज
3. पार्थ फार्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड की parth pain relief टेबलेट दवा को लेकर साल 2025 में केस दर्ज
4. पार्थ फार्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड की parth diclo plus tab दवा को लेकर साल 2025 में केस दर्ज
5.  पार्थ फार्मुलेशन  प्राइवेट लिमिटेड की parth pain relief tab दवा को लेकर साल 2025 में केस दर्ज
6. उज्जैन में बनी क्लिनिक स्प्रिट नाम की ड्रग को लेकर कंपनी पर 25 जुलाई 2025 को केस दर्ज

सख्त सजा, इसलिए बचाने का प्रयास
नकली दवा मामले में दोषी कम्पनियों पर सख्त कार्रवाई के नियम है
ऐसे प्रकरण केस दर्ज होने के बाद कोर्ट में सुनवाई होती है
नकली दवा का दावा सही पाए जाने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा होती है
ऐसे में इन प्रकरणों में लिप्त कम्पनी और उनके प्रतिनिधि अभियोजन स्वीकृति रूकवाने के हर संभव प्रयास करते है
ताकि किसी भी तरह प्रकरण पुराना हो जाए और कोर्ट से उन्हें राहत मिले

ड्रग आयुक्तालय की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 से पहले के नकली दवाओं के सभी प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति दी जा चुकी हैं. साल 2023 में मिली 16 नकली दवाओं में से 9 का अभियोजन स्वीकृति दिया गया है. जबकि पिछले दो सालों के प्रकरणों में एक में भी अफसरों ने अभियोजन स्वीकृति नहीं दी है. इसके पीछे की वजह जाने तो उच्च पद पर बैठे अधिकारियों ने कभी नकली दवाओं के प्रकरणों को गंभीरता से नहीं लिया. अब इसे बड़ी फार्मा कम्पनियों से मिलीभगत कहे या अनदेखी, जिसके चलते दोषी कम्पनियों की अभियोजन स्वीकृति के लिए सबसे जरूरी "संविधान" हासिल करने के विशेष प्रयास ही नहीं किए गए. हालांकि, नवनियुक्त ड्रग आयुक्त टी शुभमंगला ने नई जिम्मेदारी संभालने के साथ ही नकली दवाओं के प्रकरणों में चल रहे "खेल" पर सख्ती शुरू कर दी है. उनका कहना है कि नकली दवाओं के प्रकरणों की अभियोजना स्वीकृति में देरी हुई है, लेकिन अब हम नवम्बर अंत तक सभी केस कोर्ट में फाइल कर देंगे. एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म के लिए हम नया स्क्रिनिंग कमेटी बना रहे हैं. इसके साथ ही जिन अफसरों ने कोर्ट में केस लगाने में देरी की है, उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.