जयपुरः राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा की शुरुआत करने के निर्देशों के तहत, राज्य के कुल 186 टोल प्लाजा में से 172 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा सक्रिय कर दी गई है और आगामी एक सप्ताह में 8 और टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा शुरू कर दी जाएगी. प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग, प्रवीण गुप्ता ने बताया कि उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री, दिया कुमारी के नेतृत्व में विभाग ने जनसुविधा को प्राथमिकता देते हुए बहुत कम समय में प्रदेश के टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टालेशन का कार्य पूरा कर लिया.
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव प्रवीण गुप्ता ने कहा कि पिछले एक वर्ष से भी कम समय में प्रदेश के 131 टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टालेशन का काम पूरा कर लिया गया, जिसके बाद यह सुविधा शुरू की गई. इस सुविधा के शुरू होने से ना केवल लोगों के समय की बचत होगी, बल्कि मार्गों पर यातायात का संचालन भी सुगम और तेज होगा. फास्टैग के माध्यम से वाहन चालकों को निर्धारित टोल दरों का ही भुगतान करना होगा, जिससे अवैध टोल वसूली पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी. फास्टैग सुविधा की उपलब्धता से वाहन तेज़ गति से टोल बूथ से गुजर सकेंगे, जिसके कारण ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी. इस कदम से राज्य की सड़कों पर टोल वसूली का सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी हो जाएगा, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को भी बेहतर अनुभव होगा.
गौरतलब है कि प्रदेश में एनएचएआई के अलावा 186 अन्य टोल प्लाजा संचालित हैं. इनमें से आरएसआरडीसी द्वारा संचालित 39 सड़कों पर 107 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 103 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है,और शेष 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी .राजस्थान राज्य सड़क प्राधिकरण (आरएसएचए) द्वारा संचालित 22 सड़कों पर 40टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 36 टोल प्लाजा पर यह सुविधा उपलब्ध है और शेष 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी .वहीं सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा संचालित स्टेट बीओटी के तहत 8 टोल प्लाजा में से 2 पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है. इसके अतिरिक्त, रिडकोर द्वारा संचालित 13 सड़कों पर 31 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से सभी पर फास्टैग की सुविधा उपलब्ध है. इस तरह, प्रदेश में फास्टैग के माध्यम से टोल वसूली में पारदर्शिता आएगी, यातायात संचालन सुगम होगा, और जनता को अधिक सुविधाएं मिलेंगी.
*फास्टैग से पारदर्शिता बढ़ेगी, राजस्व वृद्धि होगी*
प्रमुख शासन सचिव ने बताया मानव संसाधन ठेकेदारी वर्तमान में विशेष टेंडरों में लागू की जा रही है, जहां पिछली दो या तीन बोली प्रक्रियाओं के बाद किसी भी बोलीदाता को नहीं मिल पाया है. इसके अतिरिक्त, मौजूदा टोल ऑपरेटर इन टोल प्लाजा को विस्तार के आधार पर चला रहे हैं. इन पुराने ऑपरेटरों के साथ एक प्रमुख समस्या यह है कि वे FASTAG सिस्टम का उपयोग करने में रुचि नहीं दिखा रहे और वे इस सिस्टम को निष्क्रिय करने का भी प्रयास कर सकते है,जिससे वाहन यातायात का सटीक ट्रैकिंग संभव नहीं हो पाता. इस प्रकार की शिकायतें भी प्राप्त होती रही है. मानव संसाधन ठेकेदारी की शुरुआत का उद्देश्य इस समस्या का समाधान करना है, ताकि FASTAG सिस्टम को सक्रिय किया जा सके. इससे वाहन गति का सटीक ट्रैकिंग किया जा सकेगा और टोल से गुजरने वाले वाहनों की सही संख्या का रिकॉर्ड मिलेगा. इस सिस्टम के लागू होने के बाद, यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि राजस्व संग्रह वास्तविक यातायात के हिसाब से हो, और किसी भी तरह के मैन्युअल गिनती या ऑपरेटर की अक्षमता के कारण उत्पन्न हुई असंगतताओं को ठीक किया जा सके.
राजस्व जनरेशन को किया जा सकेगा अनुकूलित:
FASTAG द्वारा एकत्रित सटीक डेटा हमें टोल दरों को वास्तविक यातायात प्रवाह के आधार पर समायोजित करने की भी अनुमति देगा, जिससे राजस्व जनरेशन को अनुकूलित किया जा सकेगा. जब FASTAG पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएगा, तो यह केवल आधार राजस्व को ठीक नहीं करेगा, बल्कि एक अधिक पारदर्शी और कुशल प्रणाली का निर्माण करेगा. इसका अंतिम लक्ष्य यह है कि FASTAG के लागू होने के बाद टोल प्लाजा को फिर से नीलाम किया जाए, जिससे भविष्य के ऑपरेटरों के लिए एक अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और निष्पक्ष बोली प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके.
पारदर्शिता में होगा सुधार:
वास्तविक उदाहरण के तौर पर, एक टोल प्लाजा पर जहां मानव संसाधन ठेकेदारी का सफल परीक्षण किया गया था, वहां राजस्व में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी. यह वृद्धि FASTAG को अपनाने और पुराने सिस्टम को हटाने के संभावित लाभों को दर्शाती है, जहां ऑपरेटर नकद आधारित लेन-देन में संलग्न रहते थे और जानबूझकर FASTAG सिस्टम को निष्क्रिय रखते थे. इस आधुनिक, स्वचालित दृष्टिकोण में बदलाव से अन्य टोल प्लाजा में भी व्यापक लाभ हो सकता है, जिससे राजस्व और संचालन में पारदर्शिता में सुधार होगा.