नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आज श्नेत पत्र पेश किया. जहां बीजेपी सरकार के 10 साल के कार्यकाल की तुलना में यूपीए सरकार के कुप्रबंधन के बारे में बताया गया. वहीं कल इस पर विशेष चर्चा होगी जिसमें UPA के कुप्रबंधन पर बात होगी.
इस श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र के माध्यम से भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जाएग. वहीं, इसमें उस समय उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के असर के बारे में भी बात की जाएगी.
बता दें कि इस श्नेत पत्र का उद्देशय अर्थव्यवस्था के बारे में बताना है. ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी. उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए गठबंधन की सरकार रही थी.
वहीं कांग्रेस ने आज संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 10 साल के शासन पर 'ब्लैक पेपर' जारी किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा जारी 'ब्लैक पेपर' में मोदी सरकार की 'विफलताओं' को बताया गया. इसमें आरोप लगाया गया कि पिछले 10 साल में देश में महंगाई, बेरोजगारी, संस्थानों में भ्रष्टाचार और राज्यों से भेदभाव किया गया है.