एसआरके के पांच हजार कर्मचारियों ने हरित क्रांति के प्रणेता स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि अर्पित की

एसआरके के पांच हजार कर्मचारियों ने हरित क्रांति के प्रणेता स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि अर्पित की

सूरत: भारत को गेहूं एवं चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एवं हरित क्रांति के प्रणेता स्वर्गीय एम.एस. स्वामीनाथन को सूरत के अग्रणी हीरा उद्यमी परिवार श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स के पांच हजार से अधिक कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

श्रद्धांजलि कार्यक्रम एसआरके परिसर में एसआरके परिवार के गोविंदभाई ढोलकिया की उपस्थिति में आयोजित किया गया. इस अवसर पर गोविंद भाई ढोलकिया ने स्वर्गीय एम.एस. स्वामीनाथन ने श्रद्धांजलि देते हुए कुछ यादें ताजा कीं. गोविंद भाई ने कहा कि जब जूरी ने माता संतोक बा के नाम पर शुरू किए गए संतोक बा मानव रत्न पुरस्कार के लिए कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के प्रणेता स्वामीनाथन का नाम चयनित किया तो मुझे उन्हें पुरस्कार समारोह में आमंत्रित करने के लिए पहली बार मद्रास में उनके आवास पर जाने का अवसर मिला. उस समय स्वामीनाथन ने कहा कि एक हीरा कंपनी ने मुझे पुरस्कार क्यों देगी? जिस पर गोविंदभाई ने कहा कि हम मूल रूप से सौराष्ट्र के किसान हैं इसलिए हम आप जैसे व्यक्ति का महत्व समझते हैं.

फिर साल 2013 में स्वामीनाथन संतोक बा अवार्ड स्वीकार करने के लिए दो दिनों के लिए सूरत के मेहमान बने. गोविंद भाई ने इन दो दिनों में साथ बिताए वक्त की यादें भी ताजा कीं. गोविंद भाई ने कहा कि देश में कई उपाधियों और पुरस्कारों से सम्मानित स्वामीनाथन साहब ने संतोक बा पुरस्कार स्वीकार कर इस पुरस्कार का गौरव बढ़ाया है. जिससे हमे ऐसा महसूस होता है कि वे एसआरके परिवार के सदस्य हैं. आज उनके जाने से परिवार ने एक सदस्य को खो दिया है.