जयपुर : भजनलाल सरकार खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी देने के नियम को लेकर आंशिक संशोधन करके इस प्रावधान के युक्तिसंगत लाभ दिलाने की जुगत में है. इस संशोधन से खिलाड़ियों के खेल पर भी असर नहीं होगा और सरकार को भी पूरी गुणवत्ता के साथ उनकी सेवाएं मिल सकेंगी.
अभी खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी देने के प्रावधान के तहत सरकार के अलग-अलग विभागों में कर्मी नियुक्त किए गए हैं.
क्या हो रहा है अभी के प्रावधान में ?
- मौजूदा प्रावधान के तहत खिलाड़ियों को लिपिक के तौर पर जो सरकारी नौकरी दी जा रही है उसमें ऑफिस समय में दिन भर काम करना जरूरी है.
- इस दौरान हालांकि उन्हें अभ्यास के लिए दो घंटे की छूट है लेकिन फिर भी वे अपने खेल पर समुचित ध्यान नहीं दे पाते हैं.
- दूसरी ओर जिस विभाग में ऐसे कर्मचारी नियुक्त हैं वहां का सरकारी काम भी प्रभावित होने की शिकायत अक्सर मिलती रहती है.
- इसके चलते अच्छी योजना होने के बावजूद सरकारी विभागों और खिलाड़ियों दोनों का ही मकसद हल नहीं हो पा रहा है.
--- ऐसे में यह किया जा रहा है संशोधन ---
- संशोधन के तहत खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न आधार पर नियुक्ति वाले खिलाड़ियों को स्कूल शिक्षा सहित उन विभागों में नियुक्ति दी जाएगी जहां या तो खेल अधिकारी या कोच का पद है या ऐसा पद रखा जा सकता है.
- इसके जरिये आउट ऑफ टर्न आधार पर नियुक्ति पाने वाले खिलाड़ियों का खेल प्रभावित नहीं होगा.
- साथ ही सरकार को भी इन पदों के लिए उपयुक्त अधिकारी मिल सकेंगे.
- वहीं जिन विभागों में लिपिक या अन्य पदों के विरुद्ध इन खिलाड़ियों की नियुक्ति होती रही है उन विभागों की सेवा के पद भी उन विभागों की सेवा वाले कर्मियों से ही भर सकेंगे.
इस बारे में हाल ही में सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संशोधन का अनुमोदन कर दिया गया है. साथ ही कोच के बतौर लगने वाले 4 खिलाड़ियों के नामों का भी अनुमोदन हुआ है.