जयपुर: जयपुर में जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती ढाई साल के अर्जुन जांगिड़ को 8.5 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाकर नया जीवन दिया गया! स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमपी) टाइप-1 से पीड़ित अर्जुन की ये बीमारी पिछले साल दिसंबर में डिटेक्ट हुई थी. उनके पिता ने बताया कि इतनी महंगा इलाज करवाना हमारे परिवार के लिए संभव नहीं था, लेकिन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हमे क्राउड फंडिंग के लिए गाइड किया, जिसमें हमे हर सेक्टर से सहयोग मिला, जिससे आज से मुमकिन हो पाया.
अर्जुन का इलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ और रेयर डिजिट सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया कि अर्जुन की इस बीमारी के कारण वह ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा. चूंकि ये बीमारी दुर्लभ है, जिसके कारण इसका इलाज भी बहुत महंगा पड़ता है. डॉक्टर माथुर ने बताया कि इस बीमारी में कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं करता है. इसका इलाज भी 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है.
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— First India News (@1stIndiaNews) September 14, 2024
अर्जुन अब 24 महीने का है और अगर समय ज्यादा निकल जाता तो इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता. उन्होंने बताया इस इलाज के दौरान उनके साथ टीम के सदस्य डॉ. गायत्री डांगर, डॉ. लोकेश अग्रवाल और डॉ. मनीषा गोयल का भी सहयोग रहा. अर्जुन की मां पूनम जांगिड़ शिक्षा विभाग में लैब सहायक के पद पर कार्यरत है. ऐसे में विभाग के मंत्री मदन दिलावर, IAS कृष्ण कुणाल, आशीष मोदी समेत विभाग के तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों और उनके परिजनों ने आर्थिक सहयोग देकर मदद की.
दुर्लभ बीमारी से ग्रसित अर्जुन को अब नया जीवन !
-जेके लोन अस्पताल में सवा दो साल के अर्जुन को दी जा रही जीन थेरेपी
-अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रियांशु माथुर के निर्देशन में दी जा रही जीन थेरेपी
-जीन थेरेपी देने वाली टीम में डॉ प्रियांशु माथुर के अलावा डॉ गायत्री, डॉ.लोकेश, डॉ मनीषा का भी रहा सहयोग
-मासूम अर्जुन के परिजनों की मार्मिक पीड़ा को फर्स्ट इंडिया ने प्रमुखता से किया था उजागर
-इसके बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और IAS आशीष मोदी की पहल पर पूरे शिक्षा विभाग के कार्मिकों ने की मदद
-दरअसल, जयपुर निवासी अर्जुन को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी डिजीज चिन्हित
इस दुर्लभ बीमारी का एकमात्र इलाज है जीन थैरेपी, जिसके लिए की गई क्राउड फंडिंग
-क्राउड फंडिंग की मदद से ही 17 करोड की ZOLGENSMA दवा की हो पाई है व्यवस्था
-परिजनों को 50 फीसदी डिस्काउंट पर उपलब्ध हुई है ZOLGENSMA की दवा
-चिकित्सको के मुताबिक यूरोप निर्मित ZOLGENSMA सिर्फ मरीज के लेवल पर होती है आयात
-फिलहाल, सीडीएससीओ की अप्रूवल पर ही मरीज के लिए आयात होती है यह दवा