नई दिल्ली: शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह काफी हद तक वैश्विक शेयर बाजारों के रुख, विदेशी कोषों की कारोबारी गतिविधियों और मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी.
इसके अलावा निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी. शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुए थे. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है, जिससे स्थानीय बाजार की धारणा मजबूत हुई. इसके अलावा सकारात्मक वैश्विक संकेतों तथा विदेशी कोषों के प्रवाह से भी बाजार को मदद मिली.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि भारतीय बाजार की मानसून की प्रगति पर नजर है. वैश्विक स्तर पर, आने वाले सप्ताह में अमेरिकी बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है. इसकी वजह यह है कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन को अमेरिकी कांग्रेस में अर्द्ध वार्षिक ब्योरा देना है.विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक बाजारों, विशेषरूप अमेरिकी बाजार में सतत सुधार से पिछले सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार भी चढ़ गए. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 758.95 अंक या 1.21 प्रतिशत के लाभ में रहा.मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा घरेलू और वैश्विक संकेतकों...कच्चे तेल के दाम, वैश्विक बाजारों का रुख और विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों के प्रवाह से तय होगी.
बीते सप्ताह शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 466.95 अंक या 0.74 प्रतिशत चढ़कर 63,384.58 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले एक दिसंबर, 2022 को सेंसेक्स 63,284.19 अंक के स्तर स्तर पर बंद हुआ था. इसी तरह निफ्टी 137.90 अंक या 0.74 प्रतिशत चढ़कर 18,826 के नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ. निफ्टी का पिछला रिकॉर्ड स्तर 18,812.50 अंक का था. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि हमारा मानना है कि आगे चलकर अमेरिकी बाजारों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी. सोर्स भाषा