परिचालन संबंधी कारणों से गो फर्स्ट ने की 31 जुलाई तक उड़ानें रद्द

परिचालन संबंधी कारणों से गो फर्स्ट ने की 31 जुलाई तक उड़ानें रद्द

नई दिल्ली : गो फर्स्ट एयरलाइन, जो मई की शुरुआत से बंद है, ने 31 जुलाई तक उड़ान रद्द करने की अवधि को और बढ़ाने की घोषणा की है. शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा गया कि, हमें यह बताते हुए खेद हो रहा है कि परिचालन कारणों से, 31 जुलाई 2023 तक निर्धारित गो फर्स्ट उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. उड़ान रद्द होने से हुई असुविधा के लिए हम माफी मांगते हैं.

2 मई को, गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें रद्द कर दीं और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए याचिका दायर की, जिसमें यूएस-आधारित इंजन निर्माता, प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से दायित्वों को तुरंत पूरा करने में असमर्थता के कारण देरी का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण इसके बेड़े के एक हिस्से को खड़ा करना पड़ा.

डीजीसीए ने दी थी बंद विमानो को शुरू करने की सशर्त अनुमति:

पिछले शुक्रवार को डीजीसीए ने बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट को अपना परिचालन फिर से शुरू करने की सशर्त अनुमति दी थी. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा था कि गो फर्स्ट अंतरिम फंडिंग की उपलब्धता और नियामक द्वारा उड़ान कार्यक्रम की मंजूरी पर निर्धारित उड़ान संचालन फिर से शुरू कर सकता है. नियामक ने 15 विमानों और 114 दैनिक उड़ानों के संचालन की अनुमति दी थी. डीजीसीए ने कहा कि नियामक द्वारा उड़ान कार्यक्रम की मंजूरी के बाद ही टिकटों की बिक्री शुरू की जा सकती है.

एयरलाइन ने मंगलवार को मुंबई से अपनी 'हैंडलिंग' उड़ान शुरू की:

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा गो फर्स्ट को अपना परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति देने के तुरंत बाद, एयरलाइन ने मंगलवार को मुंबई से अपनी 'हैंडलिंग' उड़ान शुरू कर दी. जब विमान लंबे समय तक जमीन पर खड़े रहते हैं तो एयरलाइंस द्वारा हैंडलिंग उड़ानें संचालित की जाती हैं. डीजीसीए दिशानिर्देशों के अनुसार, एयरलाइनों को यह सुनिश्चित करने के लिए उड़ानों को संभालना अनिवार्य है कि विमान परिचालन के लिए तैयार हैं.

कुल राजसव करीब 4 हजार करोड़ रुपय: 

एयरलाइन में लगभग 4,200 कर्मचारी हैं, और इसने वित्तीय वर्ष 2021-22 में परिचालन से कुल राजस्व 4,183 करोड़ रुपये बताया. ऐसी रिपोर्टें थीं कि गो फर्स्ट की उड़ानें बंद होने से हवाई किराए पर दबाव पड़ा, खासकर उन चुनिंदा मार्गों पर जहां इसका प्रभाव था.