जयपुर: राजधानी जयपुर की सड़कों पर रोजाना हजारों लो फ्लोर बसें दौड़ती हैं, जिनमें लाखों लोग सफर करते हैं, लेकिन यह बसें ख़ुद हादसों को न्यौता दे रहीं हैं.
सरकारी बसें खुद ही यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, जिसमें ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, बीच सड़क यात्रियों को उतारना, चलती बस में चढ़ाना, खुले दरवाजों के साथ इन बसों का दौड़ाना जैसी लापरवाही बरती जा रही है, जिससे यात्री सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ हो रहा है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ओवरस्पीड वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन विडंबना यह है कि सरकारी नियंत्रण वाली बस सेवा ही नियमों का सबसे ज्यादा उल्लंघन कर रही है. ऑनलाइन चालान रिकॉर्ड से पता चला कि JCTSL की लो-फ्लोर बसों के खिलाफ दर्जनों चालान लंबित हैं.
--- पारस कंपनी के बगराणा आगार की कई बसें नियमों को ठेंगा दिखा रही हैं ---
-RJ14PE5908 पर 13 चालान, जिनमें 11 ओवरस्पीड के हैं.
-RJ14PE5957 पर 16 चालान, जिनमें 8 रेड लाइट जंप और 4 ओवरस्पीड शामिल हैं.
-RJ14PE5952 पर 11 चालान, जिनमें 7 रेड लाइट जंप के हैं.
-RJ14PE5907 पर 12 चालान दर्ज हैं, जिनमें 8 अन्य उल्लंघन शामिल हैं.
--- वहीं, टोडी आगार के आंकड़े और गंभीर हैं ---
-RJ14PD8023 पर 31 चालान, जिनमें 15 ओवरस्पीड, 14 रेड लाइट जंप और 2 अन्य हैं.
-RJ14PD8025 पर 29 चालान, जिनमें 20 ओवरस्पीड और 9 रेड लाइट जंप शामिल हैं.
-RJ14PD8024 पर 21 चालान, 15 ओवरस्पीड और 6 रेड लाइट जंप के साथ दर्ज हैं.
यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकारी बसें न केवल नियम तोड़ रही हैं, बल्कि यात्री सुरक्षा को भी गंभीर जोखिम में डाल रही हैं. इन बसों में न तो चालक और परिचालक वर्दी में होते हैं, न ही बसें निर्धारित स्टॉप पर रुकती हैं. कई बार बीच सड़क पर यात्रियों को उतारना-चढ़ाना आम बात बन चुकी है. अजमेरी गेट से ट्रांसपोर्ट नगर तक चलने वाली बसें खुले दरवाजों के साथ दौड़ती दिखीं- जो सीधे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है.
इसके अलावा बसों में धूम्रपान और गुटखा सेवन जैसे कृत्य भी खुलेआम होते हैं, लेकिन न चालक रोकते हैं, न परिचालक, यात्रियों की शिकायतों के बाद भी JCTSL प्रबंधन कार्रवाई करने ने असमर्थ है.