नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प में सरकार ने 'छोटा बयान' दिया और उसके साथ कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया जो लोकतांत्रिक बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.
थरूर ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि बिना किसी स्पष्टीकरण के एक छोटा बयान दिया गया तथा दूसरों के सवालों या विचारों को सुना भी नहीं गया. यह लोकतंत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि हम यह कहते आ रहे हैं कि संसद इसी (चर्चा) के लिए है. इस तरह के मामलों में सरकार को भारत की जनता के प्रति जवाबेदह होना चाहिए. थरूर का कहना था कि सरकार को पूरी स्थिति बतानी चाहिए और कुछ सवालों के जवाब देने चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया.
रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी थी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिये मना किया गया है. उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए. पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच गत शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई. सोर्स- भाषा