VIDEO: ग्रेटर नगर निगम भर रहा सड़कों के जख्म, 24 घंटे की मरम्मत टीम तैनात, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजधानी जयपुर में बीते कुछ सप्ताहों से सड़कें घायल थीं. गहरे और खतरनाक गड्ढों ने वाहन चालकों को परेशानी में डाल दिया था वहीं पैदल चलने वालों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई थी. लेकिन बीते दो दिन से अब तस्वीर बदल रही है। फर्स्ट इंडिया की टीम की ओर से भी शहर की सड़को का रियलिटी चैक किया गया जिसके बाद ग्रेटर नगर निगम ने इस समस्या के समाधान के लिए युद्ध स्तर पर गड्ढों की मरम्मत व पेचवर्क का कार्य शुरू कर दिया है। ग्रेटर नगर निगम ने पेचवर्क कार्य को प्राथमिकता दी है, और वह सिर्फ कागजों पर नहीं, ज़मीन पर दिख भी रहा है.

-शहर में निगम की टीम गड्ढों और सडकों को कर रही चिन्हित
-गड्ढों और पेचवर्क के लिए 24 घंटे की मरम्मत टीम तैनात
-हर जोन में विशेष टीम लगातार किया जा रहा है कार्य
-निगम की इंजीनियरिंग विंग लगातार कार्य की कर रही मॉनिटरिंग

पिछले कुछ दिनों से राजधानी के बाशिंदे सडको पर गड्ढों से परेशान थे लेकिन अब नगर निगम ने दिखा दिया है कि जब प्रशासन तत्पर हो, तो परिवर्तन संभव है। यह पेचवर्क अभियान केवल सड़कों की मरम्मत नहीं बल्कि भरोसे की पुनःस्थापना है। जयपुर की सड़कें अब मुस्कुरा रही हैं साथ ही आम जनता भी अब बेखौफ होकर सड़को पर चल रही है और उसके पीछे है नगर निगम की कर्मठता, तकनीकी दक्षता, और जनता के प्रति जिम्मेदारी। लेकिन अभी भी राजधानी की सड़के ऐसी है जिनमें निगम को कार्य करने की जरूरत है.

ग्रेटर नगर निगम की टीम की ओर से पिछले तीन दिन में 500 से अधिक सडकों सहित गड्ढों की मरम्मत की है, जिनमें अलग अलग जोन शामिल है. वहीं दूसरी ओर ग्रेटर कमिश्नर गौरव सैनी भी इंजीनियरिंग विंग टीम के साथ कनेक्ट होकर पल पल की रिपोर्ट ले रहे है. जिसके चलते काम देखने को मिल रहा है सडकों के पेचवर्क और गड्ढों की समस्या को लेकर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता यह है कि जयपुर की जनता सुरक्षित और सुगम सड़कों पर चले। हमारा मिशन है बिना गड्ढों वाला जयपुर.

-सड़क निर्माण में गुणवत्ता मानकों की पालना
-बारिश के मौसम से पहले प्रिवेंटिव मेंटेनेंस
-सिविल इंजीनियरिंग निरीक्षण के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना
-नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने हेतु ऐप या वेबसाइट प्लेटफॉर्म की व्यवस्था 

राजधानी जयपुर की सड़को पर गड्ढों की समस्या कोई अचानक नहीं आई है . यह वर्षों के उपेक्षित रखरखाव, घटिया निर्माण गुणवत्ता, और मौसम मार का परिणाम है, जयपुर के कई प्रमुख क्षेत्रों, जैसे टोंक रोड, सांगानेर, वैशाली नगर, और झोटवाड़ा में सड़कें पूरी तरह टूट चुकी थीं। लेकिन जेडीए और नगर निगम की उदासीनता के चलते ये कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाता, हालांकि वर्तमान में कार्य तेजी से हो रहा है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है वरना इसका परिणाम आम जनता को भुगतना पडता है.

कहते है ना कि देर आए दुरुस्त आए आखिरकार ग्रेटर नगर निगम की टीम धरातल पर उतरकर काम करती हुई दिख रही है. जिसका असर पर शहर की सड़को पर भी देखने को मिल रहा है. उम्मीद करते है कि अब मानसून से पहले ही ये कार्य निगम की टीम की ओर से कर दिया जाएगा.