नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि लंदन में भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में की गई अपनी टिप्पणी के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यदि माफी मांग लेते हैं तो संसद में गतिरोध खत्म हो सकता है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने भारत में मौजूदा स्थिति पर गांधी के दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और उनसे यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि क्या वह किसी एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर बर्बर हमला हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं. राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं.
उनकी इन टिप्पणियों से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया. भाजपा ने उन पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने और विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने का आरोप लगाया है जबकि कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विदेशों में आंतरिक राजनीति का मुद्दा उठाने के उदाहरणों का हवाला दिया है. पुरी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति देश के बाहर जाता है तो उसे बोलने की आजादी है, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी की भावना भी आती है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना लोकतंत्र है और इसमें कोई संदेह नहीं है.
उन्होंने कहा कि लेकिन गांधी का ब्रिटेन जाना और यह कहना कि भारतीय लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे पर हमले हो रहे हैं.कोई भी यह कहता है कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है तो उसे गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने मांग की कि कांग्रेस नेता को इस मुद्दे को खत्म करने के लिए अपनी टिप्पणी के लिए स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए मुझे लगता है कि इसे बंद करने की जरूरत है और यह तभी बंद होगा जब वह माफी मांगेंगे और, उन्हें स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए. यह पूछे जाने पर कि संसद में गतिरोध कैसे खत्म होगा, पुरी ने कहा कि यह फैसला तो उन्हें (गांधी को) करना है. उन्होंने कहा कि उन्हें स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए और कहना चाहिए कि उन्होंने गलती की और इसलिए वह माफी मांगते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी समझ है कि इससे संसद के कामकाज का मार्ग प्रशस्त होगा. (भाषा)