स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित सभी 100 शहरों में ठीक ढंग से काम चल रहा है : हरदीप पुरी

नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित 100 शहरों में लगभग सभी में ठीक ढंग से काम चल रहा है और कुछ शहरों में कार्य की रफ्तार कम होने के पीछे कोविड और स्थानीय कारण रहे हैं. लोकसभा में शशि थरूर और मोहन भाई कुंडारिया के पूरक प्रश्नों के उत्तर में शहरी कार्य एवं आवासन मंत्री हरदीप पुरी ने यह जानकारी दी.

थरूर ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कुछ शहरों में परियोजनाओं की धीमी रफ्तार के बारे में सवाल पूछा था. इस पर हरदीप पुरी ने कहा कि जब आप तथ्य एवं आंकड़े रखें तब सावधानी बरतें. कई बार किसी परियोजना में काफी कम काम बचा होता है लेकिन जब तक कार्य पूरा होने का प्रमाणपत्र नहीं मिलता है तब तक कहा जाता है कि कार्य प्रगति पर है. 

उन्होंने कहा कि मिशन के तहत लगभग सभी शहरों में ठीक तरीके से काम हो रहा है. कोविड काल में कार्य की रफ्तार कुछ धीमी हुई थी और कुछ में स्थानीय कारण भी रहे. इस परियोजना में राज्य सरकार की भूमिका होती है. पुरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में वाराणसी सितंबर 2016 में शामिल हुआ जबकि अटल नगर तीसरे राउंड में आया, ऐसे में इनकी तुलना करना ठीक नहीं है. हरदीप पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन प्रारंभ किया था. उन्होंने कहा कि जनवरी 2016 से जून 2018 तक प्रतिस्पर्धा के चार दौर के माध्यम से 100 शहरों का चयन किया गया.

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) के दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार 100 स्मार्ट शहरों के लिए पांच वर्ष में प्रति शहर प्रति वर्ष औसतन 100 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार/शहरी स्थानीय निकाय द्वारा बराबरी के आधार पर समान राशि का योगदान किया जाता है.

मंत्री ने कहा कि शहरी स्तर पर एससीएम का कार्यान्वयन इस उद्देश्य के लिये सृजित विशेष प्रयोजन तंत्र (एसपीवी) द्वारा किया जाता है. राज्य स्तर पर राज्य के सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्चाधिकारी प्राप्त संचालन समिति द्वारा मिशन के कार्यान्वयन का समन्वय किया जाता है. पुरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एससीएम के कार्यान्वय की निगरानी शहरी कार्य एवं आवासन मंत्रालय द्वारा नामित निदेशक नियमित आधार पर करते हैं. (भाषा)