बस सुनिश्चित किया कि युवा खिलाड़ी इस स्तर पर खेलने के हकदार हैं: हार्दिक पांड्या

राजकोट: युवा टीम की कप्तानी करना आसान नहीं होता लेकिन एशियाई चैम्पियन श्रीलंका पर टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में 2-1 की जीत के दौरान भारत की कप्तानी करने वाले हार्दिक पांड्या का मानना है कि यह इतना मुश्किल नहीं था क्योंकि उन्हें सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि वे इस स्तर पर खेलने के हकदार हैं. श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के साथ पंड्या के नेतृत्व में भारतीय टीम ने एक नए युग की शुरुआत की है.

पंड्या ने यहां श्रृंखला जीतने के बाद कहा कि यह वास्तव में उतना मुश्किल नहीं है. मेरे लिए चीजें काफी आसान हो जाती हैं जब अनुभवी खिलाड़ी होते हैं, मैं उनसे ज्यादा कुछ नहीं कहता. वे इस स्तर पर खेल रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में बहुत अच्छी चीजें की हैं. भारतीय टीम में रोहित शर्मा, लोकेश राहुल और विराट कोहली के रूप में तीन सीनियर बल्लेबाज शामिल नहीं थे जबकि श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी भी विभिन्न कारणों से श्रृंखला का हिस्सा नहीं थे.

भारत ने मुंबई में पहले मैच में दासुन शनाका की अगुआई वाली श्रीलंका की टीम को दो रन से हराकर शुरुआत की. पुणे में दूसरे मैच में भारत 207 रन के कड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए हार गया जबकि निर्णायक मैच में सूर्यकुमार यादव की 51 गेंद में नाबाद 112 रन की पारी से मेजबान ने पांच विकेट पर 228 रन बनाए. इसके जवाब में श्रीलंका की टीम 16.4 ओवर में 137 रन पर ढेर हो गई. युवा टीम का समर्थन करते हुए भारत के नए कप्तान ने कहा कि वे गलतियां करेंगे लेकिन यह उन्हें स्वीकार करने और सीखने के बारे में है.

पांड्या ने कहा कि प्रबंधन मुश्किल नहीं है लेकिन हां, यह एक युवा टीम है. वे गलतियां करेंगे, वे इससे सीखेंगे. हमने इस पर जोर दिया है कि एक बार जब आप गलती करते हैं तो आप सुनिश्चित करें कि आप इससे सीखें. इसमें चीजों को स्वीकार करना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि आप इसे स्वीकार नहीं करते तो फिर चीजें काफी मुश्किल हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन जब एक युवा टीम होती है तो मैं सिर्फ उन्हें आत्मविश्वास देकर मदद कर सकता हूं. कैसे सुनिश्चित करें कि वे एक स्तर पर हैं, जब वे यहां खेल रहे हैं, तो उन्हें लगना चाहिए कि वे यहां खेलने के हकदार हैं.

आतिशी शतक जड़ने वाले सूर्यकुमार की प्रशंसा करते हुए पंड्या ने कहा कि आज मैंने महसूस किया कि यह सूर्यकुमार बनाम श्रीलंका मुकाबला था. इससे मेरे लिए चीजें आसान हो जाती हैं. मैं हमेशा कहता हूं कि सफेद गेंद के क्रिकेट में सूर्यकुमार जैसा कोई खिलाड़ी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से वह कुछ शॉट खेलता है, जिस तरह से वह मैच को बदलता है, यह वास्तव में गेंदबाज का मनोबल तोड़ता है और इससे दूसरे बल्लेबाज को भी मदद मिलती है.

पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहले ही ओवर में इशान किशन का विकेट गंवा दिया लेकिन उसके बाद राहुल त्रिपाठी ने 16 गेंद में 35 रन बनाकर मेजबान टीम को लय दी और पंड्या ने महाराष्ट्र के बल्लेबाज सराहना की. उन्होंने कहा कि राहुल त्रिपाठी का भी विशेष उल्लेख, उन्होंने जिस तरह का इरादा दिखाया वह कुछ ऐसा है जो उनके लिए बहुत स्वाभाविक है. यह मैच की लय को बदल सकता है. अगर आप शुरुआती कुछ ओवरों में भांप लें कि गेंद मूव कर रही है और बाहर बैठे लोगों को भी लगे कि विकेट में कुछ मदद है. लेकिन इसके बावजूद उसके इरादे के कारण गेंद मूव होना बंद हो गई. उन्होंने अपनी लेंथ बदल दी और फिर यह सब ऐसा था जैसे वे मैच में पीछा ही कर रहे हैं. कुल मिलाकर सूर्यकुमार और त्रिपाठी ने शानदार बल्लेबाजी की.

टीम इंडिया के आक्रामक रुख के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम हिटिंग के मामले में हमेशा आक्रामक खेलते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि हम ऐसे ही खेलें लेकिन अंत में 150 रन ही बना पाएं. पंड्या ने कहा कि लेकिन जो महत्वपूर्ण है वह इरादा है, आप बाउंड्री की तलाश करते हैं लेकिन जब एक अच्छी गेंद होती है तो आप उस गेंद का सम्मान करते हैं. लेकिन अगर आपकी रक्षात्मक मानसिकता है तो भले ही एक खराब गेंद हो आप उस पर बाउंड्री नहीं लगा सकते.(भाषा)