जयपुर: हिंदू धर्म में नव वर्ष विक्रम संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है. इस बार बुधवार 22 मार्च से नव विक्रम संवत्सर 2080 आरंभ होगा. साथ ही इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होतीं हैं. इस नवसंवत्सर 2080 को पिंगल नामक संवत्सर के रूप में जाना जाएगा. इस नवसंवत्सर की शुरुआत बुधवार और वृश्चिक लग्न में होगी. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस पिंगल संवत के राजा बुध होंगे जबकि शुक्र इस संवत के मंत्री होंगे. इस बार हिंदू नववर्ष संवत 2080 की शुरुआत ऐसे दुर्लभ योग में हो रही है. जो कि 30 साल बाद बन रहा है. शनिदेव ने 30 साल बाद कुंभ राशि में दो माह पूर्व 17 जनवरी 2023 को प्रवेश किया है. ऐसे में जब संवत 2080 का शुभारंभ होगा तब शनि कुंभ राशि में होगा. जबकि इस नवसंवत्सर में देवगुरु बृहस्पति 12 साल बाद 22 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेंगे. इसलिए इस नव संवत्सर का महत्व और भी बढ़ गया है. मान्यता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरंभ चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही किया था. यही कारण है कि हर साल नव संवत का प्रारम्भ भी इसी दिन से होता है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू नववर्ष विक्रमी संवत 2080 बुधवार 22 मार्च से शुरू हो रहा है. ऐसे में वर्ष के राजा बुध बनेंगे और इनके मंत्री होंगे शुक्र. इस साल सेनापति का कार्यभार संभालेंगे गुरु और संवत्सर के वाहन गीदड़ और सियार होंगे. ऐसे में ज्योतिषीय गणना और शास्त्रों की मानें तो पिंगल नामक यह हिंदू नववर्ष विचित्र घटनाओं और परिस्थितियों को जन्म देने वाला होगा. संवत के राजा बुध होने से इस संवत में यानी 22 मार्च 2023 से 8 अप्रैल 2024 के दौरान व्यापारी वर्गों को अपने कारोबार में उन्नति और लाभ कमाने का पर्याप्त अवसर मिलेगा. इस दौरान शिल्पकार, लेखक एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी लाभ का मौका मिलता रहेगा. इनके लिए साल सामान्य रूप से लाभकारी होगा.
महिलाओं का बढ़ेगा प्रभाव:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में मार्केट बढ़ेगा. संवत का मंत्री इस साल शुक्र के होने से स्त्रियों के प्रभाव में वृद्धि होगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का प्रभाव बढ़ेगा. फैशन, फिल्म उद्योग, मनोरंजन, के क्षेत्र में इस साल भारत ही नहीं दुनिया भर में रुझान और आकर्षण बढ़ेगा. इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के प्रभाव और कमाई में भी इस साल अच्छी वृद्धि होगी. इस नवसंवत्सर 2080 में देश दुनिया की निराली ही तस्वीर देखने को मिलेगी. धन की भारी कमी के बीच लोग धान्य को लेकर भी बैचेन रहेंगे. इसके अलावा मुमकिन है कि इस दौरान राष्ट्र के प्रमुख का अंतर्मन बेचैन रहे. राष्ट्रों के मान-सम्मान और हितों पर चोट पहुंचती दिख रही है. साथ ही अपराधियों का उपद्रव बढ़ने की संभावना के बीच प्रशासन भी कई लोगों को हिंसक नजर आएगा.
ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि संवत का वाहन गीदड़ और सियार होने से इस संवत में कहीं सूखा तो कहीं अतिवृष्टि से जनधन की हानि होगी. लोगों में बेचैनी का माहौल भी देखा जा सकता है. जनता के बीच आपसी टकराव और संघर्ष का माहौल बनेगा जिससे समाज और राजनीति में तनाव बढ़ेगा. देश के कई राज्यों में खास तौर पर दक्षिणोत्तरी राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल की स्थिति दिखेगी और सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है. मोटे अनाजों और खाद्यानों की कीमत में तेजी आएगी. वहीं नवसंवत्सर 2080 के आगमन से जनता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलने के साथ ही लोगों के मन में दया पनपती दिखेगी. वहीं राष्ट्र में प्रशासनिक कार्यों की अधिकता होगी. इस वर्ष अकाल जैसी स्थितियों का दुनिया पर असर पड़ता दिख रहा है, वहीं खेती में चूहों और टिड्डियों का असर भी देखने को मिल सकता है. कुछ समय के लिए महंगाई में कुछ कमी की संभावना के बीच दूध के उत्पादन में कमी के बाद कीमतों में उछाल आएगा. बढ़ती समस्याओं के बीच लोग भगवान को याद करेंगे, वहीं इस दौरान यज्ञ व हवन के द्वारा संपत्ति व पद का योग-संयोग निर्मित किया जाएगा. इस समय अधिकारी आम जनता की परेशानी का कारण बन सकते हैं. असमानता में भारी वृद्धि के बीच जनता त्रस्त रह सकती है. अपराध जैसे डकैती, अपहरण इत्यादि में वृद्धि देखने को मिल सकती है.
अर्थव्यवस्था में होगा उतार-चढ़ाव:
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों का संयोग इशारा कर रह है कि इस दौरान किसी प्रमुख या बड़े व्यक्ति का अवसान जनमानस को स्तब्ध कर सकता है. इस दौरान राजनीतिक स्तर में लगातार गिरावट देखने को भी मिल सकती है. इस साल आकाल की संभावना के बीच दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में भयंकर बारिश की संभावना के साथ ही पूर्वी क्षेत्र में भी खेती को नुक्सान होता दिख रहा है. इस नवसंवत्सर 2080 में नई खोज की संभावना के साथ ही शिक्षा को लेकर कुछ विशेष कार्य होते दिख रहे है. परिवहन की स्थितियों में सुधार की संभावना के बीच कुछ अति विशेष भी इस समयावधि में होता दिख रहा है. ये संवत्सर बाजार और अर्थ व्यवस्था में कभी गिरावट तो कभी उछाल भी लाता दिखेगा. लेकिन बाद में स्थितियां सामान्य होती दिखेंगी. वहीं आईटी सेक्टर में न तेजी दिखेगी, न ही बड़ी मंदी. शेयर बाजार का कोहराम बाजार में भारी घबराहट दिखाएगा. फिर लगातार कई सुधारों के बाद बाजार संभालेगा.
कीमतों में होगी वृद्धि:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस साल पाकिस्तान, अफगानिस्तान, टर्की, यमन, ईरान इन मुस्लिम देशों में कई विस्फोटक घटनाएं हो सकती हैं. इन राष्ट्रों में सत्ता के विरोध में जन आंदोलन भी हो सकता है. क्रूड ऑयल की कीमत में वृद्धि होगी जिससे पेट्रोल डीजल की कीमत में इजाफा हो सकती है. रूस यूक्रेन युद्ध एक साल से चल रहा है. और इस साल इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध से एक नए राष्ट्र का उदय भो सकता है. इससे वैश्विक राजनीति पर असर पड़ेगा. रुस चीन की बढ़ती नजदीकियों के बीच अमेरिका एक नया राजनीतिक समीकरण बनाएगा. वैसे भी पिंगल संवत्सर को शुभ नहीं माना गया है, इस संवत्सर में राष्ट्रों और जन संगठनों के बीच समय अंतराल पर संघर्ष होते रहते हैं. ऐसे इस साल देश दुनिया में एक अलग ही तरह के शीत युद्ध का वातावरण बनेगा.
प्राकृतिक आपदा की संभावना:
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस संवत में ग्रहों की स्थिति इस ओर भी संकेत दे रही है कि दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराता रहेगा और हथियारों पर दुनिया के कई बड़े देशों का बजट बढ़ेगा. हथियारों की जमाबंदी के प्रति राष्ट्रों में होड़ रहेगी. पश्चिमी राष्ट्रों में पुनः झड़प होने के चलते कई राष्ट्र युद्ध की तरफ़ बढ़ते हुए दिखेंगे, लेकिन इन्हें सुलझाने के प्रयास भी तेज होंगे. इन युद्धों का सबसे बुरा असर पश्चिमी देशों पर पड़ता दिख रहा है. राष्ट्रों और राजनेताओं में परस्पर तनाव के चलते जनता बेचैन रहेगी. कोरोना जैसे किसी रोग के नए वेरियेंट लोगों की धड़कन में इजाफा करेंगे. इसके साथ ही इस दौरान कई तरह की दुर्घटनाओं का योग भी बनते दिख रहे हैं. सीमा पर तनाव के अलावा नवसंवत्सर 2080 में तूफान व अग्निकांड से जनधन की क्षति के योग का भी निर्माण होता दिख रहा है.