जयपुर: आवासन मंडल की राजधानी के ग्राम सिरोली में प्रस्तावित आवासीय योजना 14 साल में भी मूर्त रूप नहीं ले पाई है. आवासन मंडल की सजगता के बावजूद यह योजना अब तक लैंड यूज चेंज के फेर में फंसी हुई है. हांलाकि अब प्रमुख सचिव नगरीय विकास वैभव गालरिया की गंभीरता के चलते जल्द योजना के धरातल पर उतरने की उम्मीद जगी है.
प्रमुख सचिव नगरीय विकास वैभव गालरिया ने हाल ही इस मामले में नगरीय विकास विभाग,जयपुर विकास प्राधिकरण और आवासन मंडल के अधिकारियों की बैठक ली थी. बैठक में बताया गया कि योजना की भूमि के लैंड यूज चेंज का प्रस्ताव नगरीय विकास विभाग में विचाराधीन है. इसके बाद प्रमुख सचिव नगरीय विकास वैभव गालरिया ने अधिकारियों को प्रस्ताव पर जल्द मंजूरी देने की कार्यवाही करने के निदेश दिए. दरअसल आवासन मंडल की बहु प्रतीक्षित यह आवासीय योजना 329.17 हैक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित है. आवासन मंडल के सस्ते मकान की चाह में प्रदेश भर के लोग पिछले चौदह साल से इस योजना का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन यह योजना लैंड यूज चेंज की अधूरी कवायद के चलते अब तक पूरी तरह धरातल पर उतर नहीं पाई है. आपको बताते हैं कि आवासन मंडल ने तेरह साल पहले किस तरह योजना को लेकर कवायद शुरू की थी, और कैसे आवासन मंडल की तमाम सजगता के बावजूद यह योजना लैंड यूज चेंज के फेर में फंस गई.
-आवासन मंडल ने 12 अगस्त 2010 को आवासन मंडल अधिनियम की धारा 27 के तहत अधिसूचना जारी की थी.
-इस अधिसूचना के माध्यम से आवासन मंडल ने योजना ग्राम सिरोली की भूमि पर योजना लाने की विधिवत घोषणा की.
-तब इस भूमि का लैंड यूज पुराने मास्टर प्लान 2011 के अनुसार रूरल बैल्ट था.
-शहर का मौजूदा फाइनल मास्टर प्लान 2025 सितंबर 2011 में लागू किया गया.
-लेकिन जब मास्टर प्लान के वर्ष 2009 में जारी प्रारूप पर जेडीए की ओर से आपत्ति व सुझाव मांगे जा रहे थे.
-उस समय आवासन मंडल की ओर से 10 मई 2011 को जेडीए को पत्र लिखा गया.
-इस पत्र में आवासन मंडल की ओर से योजना की भूमि का लैंड यूज आवासीय दर्शाने का अनुरोध किया गया.
-इसके बावजूद फाइनल मास्टर प्लान 2025 में योजना की भूमि का लैंड यूज संस्थानिक,रिक्रिएशनल,आवासीय,यू-2,इकोलोजिकल और वाटर बॉडी दर्शाया गया.
-इसके बाद जब मास्टर प्लान के तहत जोनल प्लान बनाने का काम शुरू किया गया.
-तब भी आवासन मंडल ने जोनल प्लान के प्रारूप पर आपत्ति जताते हुए 8 मार्च 2018 को जेडीए को पत्र लिखकर भूमि का लैंड यूज आवासीय करने के लिए कहा.
-लेकिन जेडीए का तर्क है कि उसे यह आपत्ति निर्धारित समय में प्राप्त नहीं हुई,इसके चलते फाइनल जोनल प्लान में भूमि का लैंड यूज अधिकांश पब्लिक-सेमी पब्लिक.
-यू-2 और आंशिक रिक्रिएशनल,इकॉलोजिकल एवं वाटर बॉडी की अंकित किया गया.
-हांलाकि प्राधिकरण की उच्चाधिकार समिति की 22 मई 2018 को हुई बैठक में इस जोनल प्लान को मंजूर करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया.
-इसके मुताबिक कोई कमिटमेंट गलती से प्लान में अंकित करने से रह गए हैं, उनको सम्मान देते हुए अपेक्षित कार्यवाही की जाएगी.
ग्राम सिरोली स्थित इस योजना की 329.17 हैक्टेयेर भूमि में से 51.71 हैक्टेयर भूमि का लैंड यूज आवासीय है. इस आवासीय लैंड यूज वाली भूमि की प्लानिंग आवासन मंडल की ओर से की जा चुकी है. आवासन मंडल के बोर्ड की 8 नवंबर 2019 को हुई बैठक में शेष भूमि के लैंड यूज चेंज की कार्यवाही करने का फैसला किया गया. आपको बताते हैं कि तब से अब तक पिछले पांच साल में इस मामले में अब तक क्या कार्यवाही हुई और अब कैसे मामले में कार्यवाही जल्द पूरी होने की उम्मीद है.
-जेडीए की कार्यकारी समिति की 27 जनवरी 2020 को हुई बैठक में आवासन मंडल की इस योजना के लैंड यूज चेंज पर विचार किया गया.
-मामले में रिपोर्ट देने के लिए इस बैठक में जेडीए के अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया.
-इस कमेटी ने 27 फरवरी 2020 को अपनी रिपोर्ट में प्रकरण राज्य स्तरीय भू उपयोग परिवर्तन समिति को को भेजने की सिफारिश की गई
-इसके बाद जेडीए की ओर से मामले को राज्य सरकार को भेजा गया.
-मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने राय दी कि मंडल की योजना की भूमि में लैंड यूज चेंज किया जाना गुलाब कोठारी प्रकरण में हाईकोर्ट के दिए फैसले के विपरीत नहीं होगा.
-नगरीय विकास विभाग में 23 नवंबर 2021 को हुई बैठक में इस विधिक राय को देखते हुए वृहद जनहित में लैंड यूज चेंज की कार्यवाही शीघ्र पूरा करने का फैसला किया गया.
-इसके तहत जेडीए एक्ट की धारा 25 के तहत भूमि के लैंड यूज चेंज को लेकर आपत्ति व सुझाव आमंत्रित कर उनका निस्तारण किया गया.
-योजना की भूमि का मामला तत्कालीन कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी में भी पहुंचा.
-कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी की 30 अगस्त 2022 को हुई बैठक में फैसला किया गया कि निर्धारित नियम व प्रक्रिया के तहत प्रकरण में कार्यवाही की जाए.
-जेडीए ने जेडीए एक्ट की धारा 25(1) के तहत लैंड यूज चेंज पर अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को 23 मार्च 2023 को भेज दिया गया.
-इसके बाद आवासन मंडल अधिकारियों के फॉलोअप के चलते जेडीए ने 12 अक्टूबर 2023 को राज्य सरकार को स्मरण पत्र भी भेजा.
-हाल ही बतौर आवासन मंडल अध्यक्ष वैभव गालरिया ने जेडीए,यूडीएच व आवासन मंडल के अधिकारियों की बैठक ली.
-बैठक में गालरियों ने लैंड यूज की कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
आवासन मंडल की इस योजना की भूमि के लैंड यूज चेंज की कवायद में पिछले पांच साल में जेडीए से लेकर कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी तक फैसला किया जा चुका है. अतिरिक्त महाधिवक्ता की विधिक राय के मुताबिक मास्टर प्लान फाइनल किए जाने से पहले आवासन मंडल ने अधिसूचना जारी कर योजना प्रस्तावित कर दी थी. ऐसे में योजना की भूमि का लैंड यूज चेंज करने में कोई अड़चन नहीं हैं. जेडीए इस बारे में सरकार को प्रस्ताव भी भेज चुका है. इसके बावजूद मामले में लैंड यूज चेंज की कार्यवाही पूरा होने का इंतजार है. लेकिन प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवासन मंडल अध्यक्ष वैभव गालरिया की गंभीरता के चलते अब यह इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद जगी है.