नई दिल्लीः केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं परीक्षा के नतीजों को लेकर बड़ा बदलाव किया है. इसके तहत नतीजों में अब ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट अंक नहीं दिए जाएंगे. जिसको लेकर मामले में अधिक जानकारी देते हुए सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि अगर किसी विद्यार्थी ने परीक्षा के लिए पांच से ज्यादा विषय लिए हैं तो इनमें से टॉप-5 विषय कौन-से होंगे, इसका फैसला उच्च अध्ययन के लिए दाखिला देने वाले शैक्षणिक संस्थान करेंगे.
इसी तरह अगर नौकरी देने वाली किसी कंपनी को विद्यार्थी का सीबीएसई बोर्ड का नतीजा परखना है तो वह अपने हिसाब से पांच या उससे ज्यादा विषयों के अंकों को देखकर फैसला कर सकती हैं.क्योंकि अब सीबीएसई किसी भी छात्र को डिवीजन और डिस्टिंक्शन नहीं देगा. सिर्फ अंकों के आधार पर फैसला किया जायेगा.
वहीं अगर नियम की बात करें तो सीबीएसई के नए नियम 2024 की परीक्षाओं से लागू होंगे. बोर्ड देश-विदेश में सभी सीबीएसई संबद्ध स्कूलों के लिए एक जनवरी, 2024 से 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए 10वीं और 12वीं कक्षाओं की प्रेक्टिकल परीक्षाएं आयोजित करेगा. नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए कई बदलाव किए जा रहे हैं. सीबीएसई के नए नियमों से बोर्ड परीक्षार्थियों पर नतीजों को लेकर दबाव कम होगा और वे परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकेंगे.