जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पारिवारिक न्यायालय का अहम फैसला आया है. न्यायालय ने आवेदक पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. न्यायालय ने कहा कि जो पत्नी पति को छोड़ अलग रहती वो भरण-पोषण की हकदार नहीं है.
यानि जो पत्नी अपने पति के साथ नहीं रहने का विकल्प चुनती है, तो उसे भरण-पोषण का हकदार नहीं माना जा सकता है. पारिवारिक न्यायालय को आवेदक पति ने बताया कि पत्नी 15 दिसंबर, 2020 को अपना वैवाहिक घर छोड़ मायके चली गई. इसके बाद पत्नी ने पति से नोटिस मिलने के बाद भरण-पोषण के लिए याचिका दायर की.
#MadhyaPradesh के #जबलपुर जिले के पारिवारिक न्यायालय का अहम फैसला
— First India News (@1stIndiaNews) February 11, 2024
न्यायालय ने आवेदक पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया फैसला, कहा-"जो पत्नी पति को छोड़ अलग रहती वो भरण-पोषण की हकदार...#FirstIndiaNews @vyaskamalkant pic.twitter.com/dvJRo7RiSd
इसके अलावा पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला भी दर्ज करा दिया और 12 लाख रुपए के चेक बाउंस होने की भी शिकायत दर्ज करा दी. अदालती कार्रवाई के दौरान पत्नी ने अपने पति के साथ सुलह करने में अनिच्छा जाहिर की. अदालत ने भरण-पोषण के लिए पत्नी के आवेदन को खारिज कर दिया.