VIDEO: खड़गे की नेताओं को खरी-खरी, कहा-राष्ट्रीय मुद्दों और नेताओं के भरोसे कब तक राज्यों में लड़ेंगे चुनाव , देखिए ये खास रिपोर्ट

नई दिल्ली: हार के कारणों और कांग्रेस संगठन की मजबूती को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की दिल्ली में अहम बैठक हुई.जिसमें अध्यक्ष खड़गे ने स्वीकार किया कि गुटबाजी और नेताओं की बयानबाजी के चलते कांग्रेस की लुटिया डूब रही है.खड़गे ने स्वीकार किया कि ओवर कॉन्फिडेंस औऱ कमजोर संगठन के चलते  कांग्रेस को चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.

बैठक में ईवीएम सहित पूरी चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ एक देशव्यापी जन आंदोलन शुरु करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. हरियाणा के बाद महाराष्ट्र चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के दिग्गजों ने दिल्ली में मंथन किया.पार्टी की सर्वोच्च बॉडी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की AICC में अहम बैठक हुई.बैठक में सदस्यों ने हार के काऱणों पर गहनता से मंथन किया.लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने खरी खरी सुनाते हुए गुटबाजी,बयानबाजी और अति उत्साह को हार का बड़ा कारण माना.

-खड़गे की खरी खरी-
-पार्टी में एकता की कमी है और गुटबाजी बरकरार है
-एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद नहीं होगी तो विरोधियों को कैसे हरा पाएंगे
-चुनाव में माहौल हमारे पक्ष में था,लेकिन केवल माहौल ही जीत की गारंटी नहीं होता
-चुनाव लड़ने की रणनीति में बदलाव करना होगा,पुराने ढर्रे से काम नहीं चलेगा
-चुनाव से एक साल पहले तैयारियां करनी होगी
-ऊपर से लेकर नीचे तक संगठन में बदलाव करने होंगे
-कईं राज्यों में हमारा संगठन कमजोर है
-राष्ट्रीय मुद्दों और नेताओं के भरोसे कब तक राज्यों में चुनाव लड़ेंगे

बैठक में ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी गहन चर्चा हुई और इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया.कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है औऱ हमारी शिकायतों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा.लिहाजा कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ एक देशव्यापी जन आंदोलन शुरु करेगी.जिसके तहत हम सड़कों पर उतरेंगे और रैलियां करेंगे.

कांग्रेस ने कहा कि तमाम इंडिया गठबंधन के दल इस मसले पर पूरी तरह से हमारे साथ है. इसके अलावा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में संभल की घटना और मणिपुर में जारी हिंसा जैसे अन्य मसलों पर भी मंथन किया गया.पार्टी नेताओं के बयानों के बाद अब लगता है कि संगठन में बड़े बदलाव आने वाले दिनों में हो सकते हैं.कईं राज्यों के प्रभारी और पीसीसी चीफ बदलने की सुगबुगाहट शुरु हो चुकी है.वहीं एआईसीसी और अग्रिम संगठनों में भी यह बदलाव की बयार देखने को मिलेगी.