जयपुर: अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजधानी जयपुर में रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इकोनॉमिक्स टाइम्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कॉन्क्लेव का शुभारम्भ सीएम अशोक गहलोत ने किया.इस मौके पर गहलोत ने कहा कि जिस तरह से राजस्थान में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए निवेशक आगे आ रहे है, उसी तरह से मैन्युफेक्चरिंग यूनिटें भी लगाई जाए.इसके लिए यदि जरूरत पड़ेगी तो सरकार अपनी पॉलिसी में भी बदलाव करने पर विचार कर सकती है.
एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताई.उन्होंने कहा कि पूरे विश्व के लिए यह चिंता का विषय है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर विश्व गंभीर है. इससे अक्षय ऊर्जा स्रोतों का महत्व बढ़ा है. राज्य सरकार की निवेश के अनुकूल नीतियों से राजस्थान आज अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है. उन्होंने कहा कि निवेशक राज्य में सौर ऊर्जा के साथ पवन ऊर्जा, हाईब्रिड संयंत्र और ग्रीन हाईड्रोजन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आगे आ रहे हैं. सरकार अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिए जरूरी उपकरणों का निर्माण राजस्थान में ही करवाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित हों.
अक्षय ऊर्जा के एमओयू से जगी रोजगार की आस!:
-रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव से जुड़ी खबर
-राज्य सरकार एवं टोरेन्ट पावर लिमिटेड के बीच हुआ एमओयू
-एमओयू से 37000 करोड़ रुपए का निवेश आएगा,6150 रोजगार होंगे सृजित
-वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच भी हुआ एमओयू
-इससे प्रदेश में 50000 करोड़ रुपए के निवेश व 2250 लोगों को रोजगार की उम्मीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के नवीन सौर ऊर्जा और पवन व हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019, रिप्स-2019 एवं रिप्स-2022, सिंगल विंडो सिस्टम, वन स्टॉप शॉप जैसे निर्णयों से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए उत्कृष्ट माहौल तैयार हुआ है. राज्य में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए निवेशकों के लिए कस्टमाईज्ड पैकेज भी स्वीकृत किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट में 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हस्ताक्षरित हुए जिनमें 50 प्रतिशत का क्रियान्वयन हो रहा है. इनमें से ज्यादातर एमओयू अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हैं. राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण है. यही कारण है कि बड़े स्तर पर राज्य में निवेश आ रहा है. उन्होंने कहा कि तनाव और हिंसा के माहौल से देश की औद्योगिक प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
अब नए क्लेवर में ऊर्जा विभाग का पोर्टल:
-रिन्यूबल एनर्जी कॉन्क्लेव में सीएम गहलोत ने किया शुभारम्भ
-ऊर्जा विभाग के अधीन सभी कम्पनियों के कॉमन पोर्टल लॉच
-सभी बिजली कम्पनियों से जुड़ी जानकारी होगी पोर्टल पर उपलब्ध
-सीएमओ की आईटी टीम की तरफ से तैयार किया गया है पोर्टल
कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान सोलर के लिए सबसे उपयुक्त जगह है.सरकार भी निवेशकों को हरसंभव मदद कर रही है, जिसका परिणाम है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान देशभर में पहले पायदान पर है.उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि -जिस तरह की नीतियां सरकार लागू कर रही है, उससे निवेशक राजस्थान की ओर अग्रसर हो रहे.इनवेस्ट सम्मिट में जो भी एमओयू हुए है, उनमें से अधिकांशतया धरातल पर उतर चुके है. ये राजस्थान सरकार के प्रति निवेशकों के विश्वास की तस्वीर है. कार्यक्रम में मुख्य सचिव उषा शर्मा, ACS (उद्योग) वीनू गुप्ता, प्रमुख सचिव (सीएम) कुलदीप रांका,अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन आशुतोष एटी पेडनेकर, RVUNL के CMD आर के शर्मा, अक्षय ऊर्जा निगम के एमडी अनिल ढाका, संयुक्त सचिव एनर्जी अर्तिका शुक्ला, इकोनोमिक टाइम्स के बिजनेस हेड अमित कुमार गुप्ता के अलावा ऊर्जा विभाग के आलाधिकारी मौजूद रहे.