गुवाहाटी: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर में उग्रवादी घटनाओं में 89 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मौत के मामलों में 85 प्रतिशत की कमी आई है. यहां तीन दिवसीय ‘वाई-20’ सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में शांति लौट आई है और वर्तमान में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति लौट आई है. पूर्वोत्तर के मामले में, पिछले आठ वर्षों के दौरान उग्रवाद की घटनाओं में 89 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 85 प्रतिशत की कमी आई है.’’
ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र की कानून व्यवस्था की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार के साथ, कड़े सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) को पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों से वापस ले लिया गया है. जम्मू कश्मीर के मामले में उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला विकास समितियों का गठन किया, जो भारत की आजादी के बाद से कभी नहीं किया गया. मंत्री ने कहा, ‘‘हमें घाटी के स्थानीय लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. विकास कार्यों में लोगों की भागीदारी से शांति संभव है.’’ भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत यूथ-20 समूह की पहली प्रारंभिक बैठक गुवाहाटी में आयोजित की गई, जिसमें बेहतर कल के लिए विचारों पर विचार-विमर्श किया गया और पांच चिह्नित विषयों पर कार्रवाई के लिए एक एजेंडा तैयार किया गया.
ठाकुर ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान, 21 विदेशी प्रतिनिधियों और 200 भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया. आयोजन के तहत असम के 36 कॉलेज में 10,000 युवाओं ने वाई-20 पर सेमिनार, वाद-विवाद, कार्यशाला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं में भाग लिया. लगभग 4,000 स्कूल के 10 लाख से अधिक छात्रों ने भी भाग लिया. उन्होंने दावा किया कि जी-20 के शेष 19 सदस्य देशों में कहीं और लोगों की भागीदारी इतनी बड़ी नहीं थी. समापन समारोह में, वाई-20 के पांच विषयों पर ‘श्वेत पत्र’ ठाकुर ने जारी किया, जबकि असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने पांच विषयों पर ‘शोध पत्र’ प्रस्तुत किए. सोर्स- भाषा