अरुणाचल-आसाम की सीमा पर बन रहा भारत के सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट, सुबनसिरी प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली से राजस्थान भी होगा रोशन

अरुणाचल-आसाम की सीमा पर बन रहा भारत के सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट, सुबनसिरी प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली से राजस्थान भी होगा रोशन

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश और आसाम की बॉर्डर पर बनने वाले सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना भारत की सबसे बड़ी कन्वेंशनल बाईड्रॉप पावर परियोजना होगी. मार्च 2025 तक इस परियोजना के 250-250 मेगावाट की 3 इकाइयों की शुरूआत होने की संभावना है. इस परियोजना से राजस्थान सहित पश्चिमी राज्यों के साथ-साथ देश के 17 राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जाएगी. 

पत्र सूचना कार्यालय जयपुर द्वारा अरुणाचल प्रदेश में आयोजित प्रेस ट्यूर के दौरान पत्रकारों ने आज अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना का दौरा किया. सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना के एग्जीक्यूटिव निदेशक और परियोजना प्रमुख राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह भारत की सबसे बड़ी कन्वेंशनल बाईड्रॉप पावर परियोजना है, जिसकी स्थापित क्षमता 2000 मेगावाट है तथा प्रत्येक इकाई की क्षमता 250 मेगावाट है. your image

इस परियोजना में 1200TPH एग्रीगेट प्रोसेसिंग (लैंट) शामिल है जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्लांट है. इसके अलावा, इसमें भारत में 300 मीटर स्पैन कन्वेयर ब्रिज है. सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत 8 इकाइयां स्थापित की जाएगी जिसमें कुल 2000 मेगावाट बिजली आवंटन किया जाएगा.  प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रसाद ने बताया कि सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना कंक्रीट बैचिंग और मिक्सिंग प्लांट में 860-सीयूएम क्षमता वाले प्लांट, एक ट्विन शाफ्ट निंग प्लांट और केटीआई जर्मनी का एक चिलिंग और आइस प्लांट शामिल है. यह भारत में बांध निर्माण के लिए सबसे बड़ा बेल्चिंग और मिक्सिंग प्लांट है.  रोटिस टॉवर बिल फ़ाइडरम का उपयोग पहली बार भारत में डेमो के कंक्रीटिंग के लिए किया गया. इसकी अनूठी विशेषता यह है कि इसमें 8 लेन के प्रेशर शाफ्ट हैं, जिनमें से प्रत्येक का व्यास 8 मीटर है, 10 डायवर्सन टनल गेट और 24 ड्राफ्ट ट्यूब गेट हैं. आकार और शीर्ष संयोजन (11.5x14.0) के संदर्भ में सबसे बड़ा रेडियल द्वार और 64 मीटर का प्रभावी शीर्ष है. 

सुबनसिरी परियोजना का जनरेटर देश का सबसे बड़ी क्षमता वाला हाइड्रो जनरेटर है जिसकी एमवीए रेटिंग 306 एमवीए है. रोटर किसी भी जल विद्युत संयंत्र में इस्तेमाल किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा उपकरण है जिसका वजन 620 टन और व्यास लगभग 11.45 मीटर है. परियोजना का स्टेटर देश में सबसे बड़ा है, इसका वजन 395 टन तथा बोर व्यास 11.5 मीटर है. इस परियोजना का धावक अपनी श्रेणी में देश का सबसे भारी फ्रांसिस टर्बाइन धावक है जिसका वजन लगभग 105 टन है. लगभग 355 टन वजन और 7 मीटर व्यास वाला यह मुख्य इनलेट वाल्व देश का सबसे बड़ा मुख्य इनलेट वाल्व है. कुल 22 खाड़ियों वाला 420 केवी जीआईएस देश की किसी भी जलविद्युत परियोजना में सबसे बड़ा जीआईएस होगा.your imageसुबनसिरी लोअर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से ये राज्य होंगे लाभान्वित 
- असम -533 मेगावाट 
- अरुणाचल प्रदेश-274 मेगावाट
- मणिपुर,मेघालय,नागालैंड,त्रिपुरा और मिजोरम - 198 मेगावाट 
- हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़ - 387 मेगावाट
- गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा - 613 मेगावाट