नई दिल्ली: भारत से मोबाइल फोन का निर्यात 11.12 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है. इस परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि देश मोबाइल उपकरण के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर है.
उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईओ) के आंकड़ों और सूत्रों के आकलन के अनुसार, कुल निर्यात में आधी हिस्सेदारी आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल की है. वैष्णव ने कहा कि स्मार्टफोन का निर्यात दोगुना होकर 11 अरब डॉलर से अधिक हो गया है और इसके साथ भारत दुनिया के मोबाइल उपकरण बाजार में नेतृत्व करने और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में बड़ी भूमिका निभाने की दिशा में बढ़ रहा है.
आंकड़ा 90,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका:
यह प्रधानमंत्री मोदीजी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की बड़ी सफलता है. आईसीईओ ने कहा कि भारत से मोबाइल फोन निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 45,000 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में दोगुना 90,000 करोड़ रुपये (लगभग 11.12 अरब डॉलर) को पार कर गया. संगठन के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि कोई भी अर्थव्यवस्था या क्षेत्र बड़ी मात्रा में निर्यात के बिना जीवंत वैश्विक अर्थव्यवस्था या क्षेत्र नहीं बन सकता.
मोबाइल फोन के निर्यात का लक्ष्य तय किया:
मोबाइल फोन निर्यात यात्रा जारी है. मोबाइल फोन निर्यात में 100 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में आंकड़ा 90,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी 58 प्रतिशत बढ़कर 1,85,000 करोड़ रुपये हो गया है. यह अत्यंत संतोष की बात है कि हमने वर्ष के लिए 75,000 करोड़ रुपये के लक्षित आंकड़े को पार कर लिया है. सरकार ने देश से 10 अरब डॉलर के मोबाइल फोन के निर्यात का लक्ष्य तय किया है.
मोबाइल फोन की हिस्सेदारी लगभग 1.1 अरब डॉलर रही:
औद्योगिक सूत्रों के अनुसार, अनुमान है कि एप्पल की 5.5 अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपये) के ‘मेड इन इंडिया’ आईफोन के निर्यात के साथ कुल निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सूत्रों ने अनुमान लगाया कि सैमसंग फोन की 36,000 करोड़ रुपये के फोन के निर्यात के साथ लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सूत्रों ने कहा कि कुल निर्यात में अन्य कंपनियों के मोबाइल फोन की हिस्सेदारी लगभग 1.1 अरब डॉलर रही. सोर्स-भाषा