वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा के जरिए अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि भारत और अमेरिका के बीच ‘सकारात्मक रणनीतिक परिणाम’ वाले संबंध हैं. प्रधानमंत्री मोदी 21 जून को तीन दिवसीय यात्रा पर वाशिंगटन आ रहे हैं. मोदी को राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है. उनकी इस यात्रा में 22 जून को राजकीय रात्रिभोज भी शामिल होगा.
मोदी करेंगे अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित
मोदी 23 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. यह दूसरा अवसर होगा जब मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. वह इजराइल को छोड़कर तीसरे ऐसे विश्व नेता होंगे जिन्होंने दो बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया हो। अन्य दो नेताओं में विंस्टन चर्चिल और नेल्सन मंडेला शामिल हैं. मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था.
दोनों देशों के रिश्ते सकारात्मक रणनीतिक परिणाम वाले हैं
अमेरिका भारत व्यापार परिषद की मंगलवार को आयोजित वार्षिक ‘भारत विचार सम्मेलन’ के दौरान प्रधान राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि वर्षों से प्रशासनों के बीच संबंधों को मजबूत करने के बाद अमेरिका-भारत साझेदारी पहले से कहीं अधिक गहरी और मूल्यवान हुई है. उन्होंने कहा कि हम जो मुख्य संदेश देना चाहते हैं, वह यह है कि दोनों देशों के रिश्ते सकारात्मक रणनीतिक परिणाम वाले हैं. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि हम बहुत अधिक गहराई से जुड़े हुए हैं और कई वैश्विक मुद्दों पर एक दूसरे के साथ महत्वपूर्ण रूप से और करीब आ रहे हैं. साथ ही विभिन्न तरीकों से हम अपनी-अपनी आबादी को लाभान्वित कर सकते हैं.
दोनों देश चुनौतियों का सामना करने और मिलकर लाभ उठाने के है लिए तैयार
फाइनर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी यहां आएंगे और राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ कुछ समय बिताएंगे, तो आप देखेंगे कि यह दो महत्वपूर्ण देशों के बीच एक आधुनिक संबंध है जो उनके अपने लोगों को लाभान्वित करेगा. उन्होंने कहा कि महज आठ दिनों में राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन को आधिकारिक राजकीय यात्रा और रात्रिभोज के लिए व्हाइट हाउस में भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करने का अवसर मिलने वाला है, जो इस प्रशासन के लिए इस तरह का तीसरा अवसर है. उन्होंने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि वह इसके लिए कितने उत्सुक हैं, सरकारों के लिए उच्चतम स्तर पर कितने विस्तार से ध्यान दिया जाता है और यह इसका अच्छा सबूत है. भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताते हुए फाइनर ने कहा कि दोनों देश चुनौतियों का सामना करने और मिलकर अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं. सोर्स भाषा