नई दिल्ली : देशभर में आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकलेंगी. ओडिशा के पुरी में दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा निकाली जाती है. सुबह 6 बजे मंगला आरती, श्रृंगार के बाद खिचड़ी का भोग लगाया गया है. सुबह 9:30 बजे भगवान को मंदिर से बाहर लाने की विधियां शुरू होंगी. रथों की पूजा के बाद रथों में बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ विराजेंगे. दोपहर 3 बजे रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा शुरू होगी. पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा के रथ 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे. गुंडिचा मंदिर बलभद्र, सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता हैं.
वहीं अहमदाबाद में पहली बार महाप्रभु को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. रथयात्रा में शामिल 18 हाथी भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे. 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडलियां और 3 बैंड दल भी शामिल होंगे. जगन्नाथपुरी, हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, सौराष्ट्र से 2500 संत पहुंचे हैं. सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी तट पर भगवान की आकृति बनाई हैं. मिट्टी पर उकेरी भगवान जगन्नाथ और तीनों रथों की सुंदर आकृति हैं.
अहमदाबाद के जमालपुर स्थित मंदिर में सुबह मंगला आरती हुई. आरती में गृह मंत्री अमित शाह और उनका परिवार शामिल हुआ. इस दौरान भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया. जमालपुर स्थित मंदिर से सुबह 7:30 के बाद रथ यात्रा शुरू होगी. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे. पाहिंद विधि में रथ के आगे सोने की झाडू लगाई जाती है. रात करीब 8:30 बजे भगवान जगन्नाथ मंदिर वापस लौटेंगे. पुरी में शाम 4 बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा के रथ खींचे जाएंगे. उदयपुर में करीब 80 किलो चांदी के रथ में भगवान जगन्नाथ सवार होंगे.
वहीं उदयपुर में 80 किलो चांदी से बने रथ पर बैठकर यात्रा पर भगवान निकलेंगे. यहां के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई. दैनिक पूजा-अभिषेक के बाद सुबह 10:30 बजे श्रंगार आरती होगी भोग लगेगा. दोपहर में मंदिर की परिक्रमा के बाद 3 बजे 8 किलोमीटर की रथयात्रा शुरू होगी. रथयात्रा में भगवान मंदिर से निकलकर जगदीश मंदिर दोबारा लौटते हैं. दिल्ली के त्यागराज नगर में भगवान जगन्नाथ की विशेष आरती की गई.