VIDEO: राजधानी जयपुर को मिलेगी गुलदाउदी की महक! राजस्थान यूनिवर्सिटी में 12 दिसंबर से तीन दिवसीय भव्य प्रदर्शनी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी एक बार फिर अपनी शैक्षणिक पहचान के साथ-साथ सौंदर्य और प्रकृति प्रेम की विरासत को आगे बढ़ा रही है. यूनिवर्सिटी के परिसर में आगामी 12 दिसंबर से तीन दिवसीय भव्य गुलदाउदी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी महक और बहुरंगी छटा पूरे राजधानी के वातावरण को सुगंधित कर देगी. यह प्रदर्शनी प्रकृति प्रेमियों, बागवानी के शौकीनों और आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है. 

-12 दिसंबर से गुलदाउदी प्रदर्शनी का होगा शुभारंभ
-राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित होगी प्रदर्शनी
-12 और 13 दिसंबर तक प्रदर्शनी को देख सकेंगे लोग
-14 दिसंबर से  होगी गुलदाउदी की ब्रिकी
-इस बार गुलदाउदी की करीब 40 किस्में
-प्रति गुलदाउदी पौधे की कीमत मय गमला होगी 100 रुपए
-इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन ने करीब 7 हजार पौध की तैयार

इस वर्ष की प्रदर्शनी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक भव्य होने वाली है. इस बार गुलदाउदी की करीब 40 विभिन्न किस्मों को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा. ये किस्में न केवल रंग और आकार में भिन्न होंगी, बल्कि इनमें से कई दुर्लभ और विशेष प्रकार की भी होंगी जिन्हें देखना अपने आप में एक अनुभव होगा. प्रदर्शनी में कुल 7 हजार गुलदाउदी के गमले रखे जाएंगे, गुलदाउदी के अलग-अलग शेड्स सफेद, पीला, नारंगी, गुलाबी, लाल और बैंगनी जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे. 14 दिसंबर को बिक्री के लिए प्रत्येक गुलदाउदी के गमले की कीमत 100 रुपए निर्धारित की गई है. गुलदाउदी को "पतझड़ की रानी"भी कहा जाता है. ये फूल न केवल अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि इनका संबंध समृद्धि और खुशी से भी है. भारतीय संस्कृति में भी इन फूलों का विशेष महत्व है और ये सजावट से लेकर पूजा-पाठ तक में इस्तेमाल होते हैं. यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए भी वानस्पतिक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगी.

राजस्थान यूनिवर्सिटी का यह प्रयास शहरवासियों को एक मंच पर लाने का काम करेगा जहां वे प्रकृति की सुंदरता का जश्न मना सकें. यह प्रदर्शनी जयपुर की सांस्कृतिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है.