VIDEO: स्मार्ट मीटर लगाने की "स्लो-स्पीड" ! जयपुर डिस्कॉम ने "स्मार्ट मीटर" लगाने वाली कम्पनी को थमाया नोटिस, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश के उपभोक्ताओं के घर पर "स्मार्ट मीटर" लगाने की कवायद शुरूआत में ही "स्लो-स्पीड" का शिकार होती नजर आ रही है. एक तरफ जहां स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर जगह-जगह शुरू हो गए है, तो वहीं दूसरी ओर सेवा प्रदाता कम्पनी भी तय लक्ष्य के मुकाबले "स्मार्ट मीटर" लगाने में फिसड्डी साबित हो रही है. ऐसे में किसी भी विवाद से बचने और काम में तेजी लाने के लिए डिस्कॉम प्रशासन ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली कम्पनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया है. नोटिस में कम्पनी को तीन माह में सुधार नहीं होने पर टेण्डर निरस्त करने की चेतावनी दी है. आखिर क्या है स्मार्ट मीटर की सोच और फील्ड की हकीकत.

बिजली कम्पनियां चाहती है कि उपभोक्ताओं का मीटर स्मार्ट हो, लेकिन कम्पनियों का ये नया प्रयोग विरोध के साथ साथ धीमी रफ्तार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. अब इसे फील्ड में जारी जनविरोध का असर कहे या फिर 14000 करोड़ की प्लानिंग में सबसे अहम जिम्मा लेने वाली कम्पनी का फेलियर. जिसके चलते तीन माह का समय बीतने के बावजूद अभी तक स्मार्ट मीटर की मुहिम गति नहीं पड़ पाई है. हालत ये है कि जून माह तक अकेले जयपुर डिस्कॉम में सवा तीन लाख से अधिक मीटर लगाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसकी तुलना में डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के मीटर ही स्मार्ट हो पाए है. ऐसे में डिस्कॉम प्रशासन ने स्मार्ट मीटर का 80 फीसदी से अधिक काम का ठेका लेने वाली जीनस मीटरिंग कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया है. हालांकि, नोटिस मिलने के साथ ही काम की गति में कुछ तेजी जरूर आई है, लेकिन लक्ष्य के मुकाबले ये काफी कम है. डिस्कॉम के मुख्य अभियंता बीएस मीणा ने बताया कि दो कम्पनियों को काम दिया गया है, जिसमें से "अप्रावा" का काम संतोषजनक है. जबकि जीनस मीटरिंग कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को काम की धीमी गति के चलते नोटिस दिया गया है.

--- एक नजर में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट ---
25 साल में बिजली मीटर का तीसरा प्रयोग !
पहले "चरकी" मीटर, फिर इलेक्ट्रिक मीटर और अब स्मार्ट मीटर
तीनों डिस्कॉम की बात की जाए तो 1.47  करोड़ उपभोक्ताओं के मीटर होंगे स्मार्ट
उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट करने की एवज में खर्च होंगे 14000 करोड़ रुपए
थ्री फेज मीटर के लिए 8200 रुपए, सिंगल फेज मीटर के लिए 7400 रुपए आएगी लागत
रिवेम्प स्कीम के तहत लग रहे स्मार्ट मीटर में 900 रुपए की मिलेगी केन्द्र से मदद
शेष राशि को डिस्कॉम 93 किश्त में मीटर लगाने वाले कम्पनी को देगा  

--- स्मार्ट मीटर के स्मार्ट फायदे --- 
- स्मार्ट मीटर रियल टाइम सिस्टम पर काम करेगा, यानी जैसे बिजली खपत हुई, वैसे ही डिस्कॉम के सर्वर पर मिलेगी सूचना
- सर्वर से सीधे कनेक्ट होने के चलते घर पर रीडिंग लेने की नहीं होगी जरूरत, माह पूरा होते ही ऑनलाइन बन जाएगा बिजली बिल
- उपभोक्ताओं को सीधे मोबाइल पर मिलेगा यह ऑनलाइन बिल
- स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को ये भी जानकारी देगा कि उसके घर में कौन से उपकरण से कितनी बिजली खर्च हो रही है
- यदि उपभोक्ता मीटर से छेड़छाड़ करके बिजली चोरी करता है तो तत्काल सर्वर पर पता चल जाएगा
- ऐसे उपभोक्ता का कनेक्शन सीधे सर्वर से ही बन्द कर दिया जाएगा और फिर वीसीआर भरकर भेजी जाएगी
- कोई भी उपभोक्ता तय समय पर बिजली बिल नहीं जमा कराएगा तो उसका ऑनलाइन की कनेक्शन कट जाएगा
- ऐसे उपभोक्ता जैसे ही बिजली बिल जमा कराएगा, तो फिर से ऑनलाइन माध्यम से ही कनेक्शन रिस्टोर हो जाएगा

डिस्कॉम प्रशासन ने स्मार्ट मीटर के प्रोजेक्ट को गति देने के लिए फ्रंट फुट पर काम करना शुरू कर दिया है. एक तरफ जहां मीटर लगाने वाली कम्पनियों को काम में तेजी लाने के लिए पाबन्ध किया गया है. वहीं दूसरी ओर विरोध को देखते हुए सोश्यल मीडिया समेत सभी प्लेटफार्म पर स्मार्ट मीटर के फायदें बताए जा रहे है. इसके साथ ही सभी जनप्रतिधियों और बड़े अधिकारियों के घर पर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान भी शुरू किया है, ताकि लोगों में पॉजिटिव मैसेज जाए.