जयपुरः राजधानी के जनपथ व आस-पास के क्षेत्र को पार्किंग समस्या से जल्द निजात मिलने वाली है. राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर इस भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया जाएगा. आखिर क्या है यह प्रोजेक्ट और किस तरह पार्किंग की समस्या से मिलेगी निजात.
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय राजधानी में हाईकोर्ट के सामने भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. इक्कीस सितंबर 2023 को 50 करोड़ रुपए की लागत से 500 वाहनों की क्षमता का पार्किंग प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. यह प्रोजेक्ट इस वर्ष अप्रैल में ही पूरा होना था. यह प्रोजेक्ट तय डेडलाइन में पूरा नहीं हो पाया. लेकिन अब इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है. राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के मौके पर इस पार्किंग प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया जाएगा. आपको बताते हैं इस प्रोजेक्ट से किस तरह क्षेत्र की पार्किंग की समस्या निजात मिलेगी.
जेडीए के इस भूमिगत प्रार्किंग प्रोजेक्ट से मिलेगी समस्या से निजात
जनपथ पर सड़क पर होने वाली पार्किंग समस्या से मिलेगी निजात
जनपथ व आस-पास की पार्किंग समस्या से जल्द मिलेगी निजात
इस प्रोजेक्ट से जनपथ पर वाहन चालकों की राह होगी आसान
पार्किंग नहीं होने के चलते सड़कों पर खड़े होते हैं वाहन
अंबेडकर सर्किल से स्टेच्यू सर्कित सड़क पर खड़े होते हैं वाहन
जल्द इन वाहनों की पार्किंग नव निर्मित इस पार्किंग प्रोजेक्ट में हो सकेगी
साथ ही आस-पास स्थित कार्यालयों और
SMSस्टेडियम में होने वाले आयोजनों के लिए होगी उपलब्ध
इस पार्किंग प्रोजेक्ट के कारण अतिरिक्त पार्किंग होगी उपलब्ध
जेडीए ने दो मंजिला भूमिगत पार्किंग का किया है निर्माण
511 चौपहिया वाहन और 190 दुपहिया वाहन हो सकेंगे पार्क
यहां वाहन पार्क कर वाहन चालक सीधे जा सकेंगे हाईकोर्ट परिसर
हाईकोर्ट परिसर में जाने के लिए निर्मित किया गया है भूमिगत मार्ग
इन वाहन चालकों को जनपथ को क्रॉस करने की नहीं पड़ेगी जरूरत
इस पार्किंग प्रोजेक्ट में वाहन चालक करेंगे प्रवेश
वाहन चालक भवानी सिंह रोड पर पोलो क्लब के पास से करेंगे प्रवेश
यहां से निकलने वाले वाहन जनपथ स्थित गेट से निकलेंगे बाहर
9 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में किया गया है प्रोजेक्ट का निर्माण
पार्किंग में लगाई गई हैं सात लिफ्टें,अग्निशमन के किए गए हैं प्रावधान
स्मार्ट पार्किंग सोल्यूशन और
धुआं या दम घुटने की स्थिति में फोर्स वेंटिलेशन की की गई है व्यवस्था
जेडीए का यह दो मंजिला भूमिगत प्रोजेक्ट इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें नई स्काई लाइट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इस नई तकनीक के माध्यम से ऊर्जा की बचत की गई है. यहीं नहीं वाहन चालक की सुविधा के लिए और काम इस प्रोजेक्ट में किए गए हैं.
भूमिगत पार्किंग माइनस 2 फ्लोर पर बिना बिजली के "उजियारा"
बिना बिजली की लाइट के पार्किंग में दिन जैसा "उजियारा"
हाई कोर्ट के सामने जेडीए के पार्किंग प्रोजेक्ट में लागू की तकनीक
उत्तर भारत में पहली बार किसी प्रोजेक्ट में लागू की स्काई लाइट तकनीक
भूमिगत प्रोजेक्ट की माइनस 2 फ्लोर की पार्किंग में की गई है रोशनी
इस स्काई लाइट तकनीक से दूसरी मंजिल की पार्किंग में की रोशनी
इसके लिए ग्राउंड फ्लोर पर लगाई गई मैटेलिक पेंटेंट शीट्स
शीट्स के माध्यम से रोशनी पाइप में होते हुए आती है बेसमेंट में
ऐसे 36 पाइप यहां माइनस 2 फ्लोर पर लगाए गए हैं
इस पूरे काम में जेडीए की ओर से खर्च किए गए हैं 32 लाख रुपए
सुबह आठ बजे से लेकर शाम को अंधेरा होने तक आती है रोशनी
इस तकनीक के इस्तेमाल पड़ेगी बहुत कम जरूरत
बिजली की लाइटों को जलाने की पड़ेगी बहुत कम जरूरत
पार्किंग में वाहन चालक ने अपना वाहन कहां किया है पार्क
उसकी पहचान के लिए पार्किंग को किया गया है विभाजित
तीन भागों में विभाजित करते हुए खंभों पर किए गए हैं तीन रंग
तीन अलग-अलग रंगों का खंभों पर किया गया है पेंट
हांलाकि इस कलर स्कीम के अलावा खंभों पर दिए गए हैं नंबर भी
पार्किंग के प्रथम तल में 237 चौपहिया वाहन व190 दुपहिया वाहन
और द्वितीय तल में 274 चौपहिया वाहन किए जा सकेंगे पार्क
हाईकोर्ट जाने वाले भूमिगत मार्ग में की गई है आकर्षक पेटिंग
जयपुर शहर की विरासत को दर्शात हुए की गई है आकर्षक पेटिंग
वास्तुकला के अनुसार पार्किंग में कॉलम दी गई है आकृति
सभी कॉलम्स को कीप के आकार की दी गई है आकृति