असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद गुलाब चंद कटारिया को बधाई देने वालों का लगा तांता, राजे-राठौड़-पूनिया आवास पर पहुंचे

जयपुर: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है. राज्यपाल बनाए जाने के बाद कटारिया को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह कटारिया के बधाई देने पहुंचे. 

नेता प्रतिपक्ष कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद कौन होगा नेता प्रतिपक्ष इसको लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ का नाम टॉप पर चल रहा है. हालांकि ज्ञानचंद पारख का भी चौंकाने वाला नाम हो सकता है. वहीं जोगेश्वर गर्ग और रामलाल शर्मा का नाम भी चर्चाओं में है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर बेहद जल्द ही मुहर लगने की संभावना है. चुनाव पास देखते हुए भाजपा गणित लगाएगी. 

वहीं दूसरी ओर असम का राज्यपाल बनने की घोषणा के बाद अब नेता प्रतिपक्ष कटारिया राजनीति से दूरी बनाएंगे इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है. मेवाड़ में भाजपा का सबसे बड़ा दिग्गज चेहरा राजनीति से दूर हो गया है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का कद बढ़ेगा. सीपी जोशी अब मेवाड़ा का सबसे बड़ा चेहरा होंगे. सीपी जोशी भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य भी हैं. 

गुलाबचंद कटारिया की प्रतिक्रिया भी सामने आई:
असम का राज्यपाल बनाएं जाने के बाद गुलाबचंद कटारिया की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि मुझे असम का राज्यपाल बनाने लायक समझा गया ये मेरी लिए बड़ी बात है. पार्टी ने मुझे जब भी जो जिम्मेदारी दी मैंने उसे मेहनत और क्षमता के साथ किया. मुझे पार्टी ने 11 बार टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका दिया. मुझे इस लायक समझा गया तो मैं बिल्कुल उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा. अपने पद को मांगने के लिए मैं कभी किसी के पास नहीं गया उन्होंने खुद मुझे वह दिया. जब मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था तब भी मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. हमारी पार्टी एक कार्यकर्ताओं की पार्टी है और एक कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा. 

दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर हालचाल जाने थे:
वहीं, कटारिया ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी. हालांकि, दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर हालचाल जाने थे, लेकिन राज्यपाल बनने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी. कटारिया की गिनती राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है. वे आरएसएस के स्वयंसेवक रहे, फिर जनसंघ में आए. जनसंघ बीजेपी के शुरुआती नेताओं में से कटारिया प्रमुख रहे हैं. कटारिया राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष रहने के साथ आठ बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं.