जयपुर: गठन के बाद पहली बार 39 साल बाद जयपुर विकास प्राधिकरण के भर्ती व पदोन्नति के नियमों में व्यापक बदलाव किए गए हैं. इस बदलाव से किस तरह बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार और किस तरह जेडीए कार्मिकों की पदोन्नति के अवसर खुलेंगे जानने के लिए देखें, फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट...
जयपुर विकास प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1982 में की गई थी. इसके बाद प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की भर्ती और उनकी पदोन्नति के लिए जेडीए कर्मचारी भर्ती नियम वर्ष 1984 में लागू किए गए थे. जब ये नियम लागू किए गए तब उस समय की परिस्थिति और आवश्यकता के अनुसार उसमें भर्ती व पदोन्नति के प्रावधान किए गए. आपको सबसे पहले बताते हैं कि इन नियमों में बदलाव की कवायद आखिर कैसे शुरू हुई .
- कार्मिकों की कमी से जूझ रहे जेडीए ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था.
- विभिन्न संवर्गों के 170 पदों पर 23 अक्टूबर 21 को सीधी भर्ती करने के लिए प्रस्ताव भेजा था.
- कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर जेडीए को कहा.
- जेडीए के भर्ती नियम काफी पुराने हैं.
- इन नियमों में जो अभ्यर्थियों की योग्यता बताई गई.
- वह अन्य विभागों के उसी पद की योग्यता से काफी अलग है.
- चयन बोर्ड की इस आपत्ति के बाद जेडीए ने भर्ती नियमों में बदलाव की कवायद शुरू की.
- अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन जुगल किशोर मीना के नेतृत्व में कवायद शुरू की गई.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से भर्ती के मामले में आपत्ति जताने के बाद जेडीए ने इस दिशा में काम करना शुरू किया. आपको बताते हैं किस तरह 39 साल पुराने नियमों में भविष्य की आवश्यकता के अनुसार बदलाव किया गया.
- भर्ती नियमों में बदलाव के लिए राज्य के कार्मिक विभाग के सेवानिवृत्त उप सचिव की सेवाएं ली गई.
- जेडीए के विभिन्न कैडर से संबंधित सरकार के अन्य विभागों के भर्ती नियमों का अध्ययन किया गया.
- मसलन अभियांत्रिकी शाखा से जुड़े नियमों में सार्वजनिक निर्माण विभाग के के नियमों के अनुसार बदलाव किया गया.
- नगर आयोजना शाखा के भर्ती नियमों में नगर नियोजन विभाग के समान प्रावधान डाले गए.
- लेखा शाखा के नियमों में बदलाव के लिए सरकार के वित्त विभाग के नियमों का सहारा लिया गया.
- विधि शाखा के भर्ती नियमों में राज्य के विधि विभाग के अनुसार प्रावधान किए गए हैं.
- इसी तरह आईटी शाखा के नियमों में बदलाव के लिए सूचना व तकनीक विभाग को आधार बनाया गया.
-अतिरिक्त आयुक्त जुगल किशोर मीना के स्तर पर हुई बैठक में इन बदलावों को फाइनल किया गया.
- जेडीए आयुक्त रवि जैन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में इन पर मुहर लगाई गई.
जेडीए आयुक्त रवि जैन की पहल पर इन बरसों पुराने नियमों में बदलाव का काम शुरू किया गया था. इस बारे में जेडीए आयुक्त रवि जैन का कहना है कि "भर्ती नियमों में बदलाव को लेकर काफी अध्ययन और मंथन किया गया. कार्मिकों के सभी प्रभावित पक्षों को सुना गया. इसके बाद नियमों में चली आ रही विसंगति को दूर किया और नए प्रावधान डाले गए हैं. इससे बेरोजगार युवाओं को जेडीए में रोजगार मिलेगा और कार्मिकों की पदोन्नति हो सकेगी."
जेडीए के भर्ती नियमों में किए बदलाव से पदोन्नति संबंधी नियमों में बदलाव होगा. इस बदलाव के तहत कार्मिकों की पदोन्नति के लिए पुराने नियमों में काफी शिथिलताएं दी गई हैं. इसी तरह सीधी भर्ती के लिए मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार बदलाव किए गए हैं. आपको बताते हैं भर्ती नियमों में किए गए बदलाव का क्या असर होगा...
- निर्धारित समय के अनुभव की बाध्यता के चलते कई जेडीए कार्मिकों को पदोन्नति नहीं मिल पा रही है.
- नियमों में बदलाव से इन कार्मिकों की बरसों की मुराद पूरी होगी.
- नियमों में बरसों से चली आ रही विसंगतियों को दूर किया गया.
- मसलन विसंगति दूर होने से मंत्रालयिक संवर्ग के कार्मिकों के पास उपायुक्त बनने के अधिक अवसर होंगे.
- इन नियमों में बदलाव से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा.
- जेडीए विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती कर सकेगा.
- जेडीए के प्रस्ताव पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती शुरू करेगा.
- इसके तहत कुल 170 पदों पर भर्ती किए जाने का फिलहाल प्रस्ताव है.
- कनिष्ठ लेखाकार के 15, कनिष्ठ अभियंता के 60, विधि सहायक के 10,
- कनिष्ठ सहायक के 75 व आशुलिपिक के 10 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव है.