जयपुर: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने मंगलवार को विधानसभा में कौशल एवं नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री की ओर से कहा कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत जो भी युवा बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करता है, उसे कौशल प्रशिक्षण के बाद विभिन्न राजकीय विभागों में इंटर्नशिप करने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत अगर आशार्थी इंटर्नशिप नहीं करता है तो उसका बेरोजगारी भत्ता रोक दिया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऎसा कोई प्रकरण नहीं है जहां आशार्थी को 3 माह का कौशल प्रशिक्षण तथा इंटर्नशिप पूरा करने के बाद बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है.
जूली प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने विधायक हीराराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि वर्तमान में बेरोजगार स्नातक युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने हेतु 1 फरवरी 2019 से सम्पूर्ण राज्य में मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना प्रारम्भ की गई. उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत पुरूष आशार्थियों को 3 हजार रुपये एवं महिला, विशेष योग्यजन व ट्रांसजेण्डर आशार्थियों को 3 हजार 500 रुपये प्रतिमाह भत्ता राशि वितरित की गई. उन्होंने बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2021-22 के बिन्दु संख्या 56 में इस योजना में आशार्थियों को 3 माह का कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न राजकीय विभागों में प्रतिदिन 4 घंटे इन्टर्नशिप करते हुये पुरूष आशार्थियों को 4 हजार रुपये एवं महिला, विशेष योग्यजन व ट्रांसजेण्डर आशार्थियों को 4 हजार 500 रुपये प्रतिमाह अधिकतम दो वर्ष तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाने का प्रावधान किया गया.
कुल 6 लाख 23 हजार 173 पात्र आशार्थियों को लाभांवित किया गया:
जूली ने बताया कि योजना के प्रारम्भ 1 फरवरी 2019 से 28 फरवरी 2023 तक योजनान्तर्गत कुल 6 लाख 23 हजार 173 पात्र आशार्थियों को लाभांवित किया गया है. उन्होंने जिलेवार सूचना सदन के पटल पर रखी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना वर्ष 2021 के तहत पुरूष आशार्थियों को 4 हजार रुपये एवं महिला, विशेष योग्यजन व ट्रांसजेण्डर आशर्थियों को 4 हजार 500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में बेरोजगारी भत्ते मे वृद्धि करने का कोई विचार विभागीय स्तर पर विचाराधीन नहीं हैं.