जयपुर: राजधानी के बाहरी इलाके आने वाले चार महीनों में कम बिजली और कम खर्च पर दूधिया रोशनी से जगमग हो जाएंगे. कैसे होगा यह सब जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट...
राजधानी के बाहरी इलाके जो जयपुर ग्रेटर नगर निगम और जयपुर हैरिटेज नगर निगम की सीमा से बाहर हैं, उन इलाकों में बारह से पन्द्रह साल पुरानी सोडियम लाइटें लगी हुई हैं. इसी तरह अन्य स्थानों पर पुरानी एलईडी लाईटे लगी हुई हैं. ये लाईट ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करते हुए कम रोशनी दे रही हैं. कई लंबे समय से खराब है तो कई बंद पड़ी हैं.
जयपुर विकास प्राधिकरण ने पहले चरण में ऐसी 5 हजार लाईट्स को बदलेगा. इन पुरानी लाइट्स के स्थान पर स्मार्ट एलईडी लाइट्स लगाई जाएगी. राज्य सरकार का भी आदेश है कि पुरानी सोडियम व खराब लाइट्स को एनर्जी एफिशियेंट लाइट्स से बदला जाए. करीब 11 करोड़ रुपए की लागत के इस प्रोजेक्ट के लिए जेडीए ने फर्म को कार्यादेश भी दे दिया है. आपको सबसे पहले बताते हैं यह प्रोजेक्ट आखिर क्यों है खास...
- राजधानी के दो दर्जन बाहरी इलाकों में 5 हजार स्माई एलईडी लाइट्स लगाई जाएगी
- इनमें कालवाड़ रोड, वाटिका रोड, अजमेर रोड सेज एरिया, गोनेर का इलाका व सिरसी रोड आदि शामिल हैं
- आगामी चार महीनों में चिन्हित सभी स्थानों पर नई स्मार्ट एलईडी लाइट्स लगा दी जाएंगी
- ये लाइट्स नैरो बैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NBIOT) टेक्नोलोजी पर काम करेंगी
- लाइट्स को लगाने वाली फर्म ही तीन साल तक इस प्रोजेक्ट का संचालन व रखरखाव करेगी
- लाइट्स को लेकर आम लोगों की शिकायत दर्ज करने और
- प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए फर्म मोबाइल एप भी तैयार करेगी
- इसके लिए फर्म जेडीए परिसर में ही कंट्रोल रूम संचालित करेगी,जो सातों दिन काम करेगा
- मोबाइल एप में लोकेशन डालकर कोई भी व्यक्ति लाइट खराब होने की शिकायत दर्ज कराएगा
- दर्ज शिकायत दस से बारह घंटे में निस्तारित की जाएगी
इस स्मार्ट एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट के तहत लगी लाइट्स खुद तय कर सकेंगी कि कब सड़क पर तेज रोशनी जरूरी होगी और कब कम रोशनी की जरूरत होगी. यही नहीं एक लाइन में लगी लाइट्स में किसी एक लाइट को या हर चौथी या पांचवी अथवा किसी स्थान विशेष की लाइट को कम या तेज रोशनी या उसे बंद रखा जा सकेगा. आपको बताते हैं कि यह कैसे होगा संभव...
- इस हर स्मार्ट एलईडी लाइट में एक स्मार्ट कंट्रोलर और एक ई सिम लगा हुआ है
- इस स्मार्ट कंट्रोलर से लाइट खुद की रोशनी को 0 से 100 प्रतिशत करने में सक्षम है
- साथ ही सड़क पर वाहनों के घनत्व के अनुसार भी रोशनी कम या ज्यादा की जा सकेगी
- स्मार्ट कंट्रोलर के साथ ही कंट्रोल रूम या मोबाइल एप से भी इसकी मॉनिटरिंग की जा सकेगी
- इसमें लगा ई सिम जरूरत पड़ने पर एरिया में उपलब्ध किसी भी इंटरनेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेगा
- स्मार्ट कंट्राेलर में सेंसर लगा हुआ है,अगर लाइट किसी कारण टूट जाती है या चोरी हो जाती है
- तो इस सेंसर के माध्मय से फर्म के जेडीए में लगे कंट्रोल रूम को संदेश पहुंच जाएगा
- यही नहीं चोरी होने के बाद जिस स्थान पर भी ये लाइट लगेगी,उसकी जानकारी भी मिल जाएगी
जयपुर शहर के बाहरी इलाकों में लगी रोड लाइट्स का बिजली का बिल का जेडीए की ओर से भुगतान किया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक स्मार्ट एलईडी लाइट्स लगाने के बाद इस बिजली के बिल में सालाना करीब 3 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी. यही नहीं कम बिजली से जलने वाली ये लाइट्स मौजूदा लगी लाइट्स से ज्यादा रोशनी देंगी...
- प्रोजेक्ट के तहत जिन पांच हजार पुरानी लाइट्स को बदला जाएगा
- उनमें से 3 से 4 हजार सोडियम लाइट्स 250 और 150 वाट की है
- इसके अलावा 80 और 120 वाट की शेष लाइट्स लगी हुई हैं
- इन लाइट्स से रोशनी 50 से 80 ल्यूमन्स प्रति वाट ही मिल रही है
- अब 110 वाट की नई स्मार्ट एलईडी लाइट्स लगाई जाएंगी
- ये लाइट्स 140 ल्यूमन्स प्रति वाट रोशनी देगी
- पुरानी लाइट्स अधिक वाट की होने के कारण ज्यादा बिजली खर्च कर रही हैं
- जबकि नई स्मार्ट लाइटस कम वाट के कारण कम बिजली खर्च करेगी
- वहीं नई लाइट्स पुरानी लाइट्स से औसतन दुगुनी रोशनी देगी
- पुरानी लाइट्स पूरे दस से बारह घंटे एक जैसी ही रोशनी दे रही है
- इन स्मार्ट लाइट्स की रोशनी की जरूरत के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकेगा
- शाम से लेकर अगली सुबह तक अलग-अलग फेज में रोशनी कम या ज्यादा की जाएगी
- एक अनुमान के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से सालाना करीब तीस लाख यूनिट बिजली की बचत होगी
- और बिजली के बिल के पेटे जेडीए पर आर्थिक भार हर वर्ष 3 करोड़ रुपए कम होगा