जयपुर: राजधानी के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है. यह मांग पूरा होने से 20 साल पुरानी सीकर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर योजना के अब पूरी तरह धरातल पर उतरने की उम्मीद जगी है. ऐसा हुआ तो राजधानी में घनी आबादी के इलाकों में भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी होगी.
जयपुर शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को शहर के बाहर स्थानांतरित करने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने सीकर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर योजना सृजित की थी. लेकिन इसके बावजूद प्रथम चरण में लॉटरी में सफल रहे सभी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी अब तक योजना में शिफ्ट नहीं हुए हैं. आपको सबसे पहले बताते हैं कि अब तक मामले में क्या रहा.
-जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से ट्रांसपोर्ट नगर योजना वर्ष 2004 में सृजित की गई.
-योजना में कुल 1484 भूखंडों के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के 2582 आवेदन प्राप्त हुए.
-कॉर्नर भूखंड छोड़ते हुए 1346 भूखंडों की लॉटरी जेडीए ने 30 जून 2007 को निकाल दी.
-सफल आवेदको को तत्कालीन आरक्षित दर 1111 रुपए प्रति वर्गमीटर के अनुसार आवंटन पत्र जारी कर दिया गया.
-जेडीए की कार्यकारी समिति की 25 नवम्बर 2014 को हुई बैठक में द्वितीय फेज के लिए आरक्षित दर 13 हजार 500 रुपए प्रति वर्गमीटर तय की गई.
-जेडीए ने द्वितीय फेज में 970 आवेदकों की लॉटरी 9 जनवरी 2018 में निकाली.
-नई तय की गई आरक्षित दर के अनुसार जेडीए ने सफल आवेदकों को आवंटन पत्र जारी कर दिए.
-इस नई आरक्षित दर के खिलाफ ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की विभिन्न एसोसिएशनों के माध्यम से हाईकोर्ट में 20 याचिकाएं दायर की गई.
-ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने कोरोना, नोटबंदी व आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए आरक्षित दर कम करने की मांग की.
-जेडीए में 10 दिसम्बर 2020 को आयोजित बैठक में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के संगठनों ने मांग की.
-विभिन्न एसोसिएशनों ने आरक्षित दर 1111 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर रखने की मांग की.
-आरक्षित दर कम करने के संबंध में सिफारिश देने के लिए कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी ने एक कमेटी का गठन किया.
-तत्कालीन जेडीए आयुक्त गौरव गोयल के संयोजन में गठित इस कमेटी में परिवहन विभाग के आयुक्त,.
-जिला कलक्टर और नगरीय विकास विभाग के संयुक्त सचिव शामिल किए गए
-इस कमेटी ने जेडीए की ओर से तय आरक्षित दर 13 हजार 500 रुपए प्रति वर्गमीटर को सही माना.
-कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी ने भी इस कमेटी की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी.
कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी की ओर से आरक्षित दर फाइनल करने के बाद जेडीए ने ब्याज व पैनल्टी माफ करते हुए बकाया राशि जमा कराने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को चार महीने का समय दिया था. आपको बताते हैं कि कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी के फैसले के बावजूद फिर भी क्यों मामला अटका रहा?
-कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी की ओर से आरक्षित दर तय होने के बाद भी विरोध चलता रहा.
-आरक्षित दर अधिक मानते हुए ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का विरोध चलता रहा.
-चार महीने का समय देने के बावजूद करीब दो सौ लोगों ने ही राशि जमा कराई.
-हांलाकि बाद में कई व्यवसायियों ने अधिक दर का विरोध करने के बजाए मांग की.
-इन व्यवसायियों ने बकाया ब्याज और पेनल्टी माफ करने और.
-भूखंड के पेटे राशि चार त्रैमासिक किश्तों में जमा करने की छूट देने की मांग की.
-द्वितीय चरण की लॉटरी के कुल सफल आवेदक 970 हैं.
-वहीं दूसरी तरफ प्रथम चरण की लॉटरी में कुल सफल आवेदक 1346 हैं.
-राशि जमा कराने वाले में से कई व्यवसायी अब तक ट्रांसपोर्ट नगर योजना में शिफ्ट नहीं हुए हैं.
-इसको लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का कहना है कि जेडीए ने मौके पर पर्याप्त विकास कार्य नहीं किए हैं.
-कई स्थानों पर सड़क,पेयजल व बिजली आदि मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
-ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के योजना में शिफ्ट नहीं करने का खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है.
-इसके चलते सामान की लोडिंग व अनलोडिंग के कारण शहर में भारी वाहनों की आवाजाही रहती है.
-इस आवाजाही के कारण हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.
-साथ ही भारी वाहनों से निकले धुएं के कारण शहर का वातावरण भी प्रदूषित होता है.
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी लंबे समय से बकाया राशि में ब्याज व पेनल्टी की छूट देने और शेष राशि चार त्रैमासिक किश्तों में जमा कराने की मांग कर रहे थे. आपको बताते हैं कि उनकी इस मांग को लेकर जेडीए और सरकार ने क्या कार्यवाही की और इसका किस तरह से योजना व शहर पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
-व्यवसायियों की मांग पर ब्याज व पेनल्टी में छूट देने की मांग को लेकर जेडीए ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था.
-इसके लिए जेडीए की ओर से 31 जुलाई 2024, 21 नवंबर 2024, 18 दिसंबर 2024 और.
-21 जनवरी 2025 को नगरीय विकास विभाग को पत्र भेजा गया.
-इस पर नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने जेडीए आयुक्त आनंदी को पत्र लेकर स्वीकृति दी.
-बकाया ब्याज व पेनल्टी में छूट देने के साथ ही भूखंड की राशि चार त्रैमासिक किश्तों में देने की भी इस पत्र में स्वीकृति दी गई.
-राज्य सरकार की इस स्वीकृति के बाद अब व्यवसायी भूखंड के पेटे राशि जमा करा सकेंगे.
-इस योजना को लेकर जेडीए भी गंभीर है, योजना के शेष विकास कार्य जेडीए भी अब जल्द पूरा कराएगा.
-इसके चलते सभी आवंटी व्यवसायी सीकर रोड स्थित इस ट्रांसपोर्ट नगर योजना में शिफ्ट हो सकेंगे.
-सामान की लोडिंग अनलोडिंग के लिए कई भारी वाहनों को शहर की घनी आबादी के इलाकों में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा.
-इसके चलते भारी वाहनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से शहर के लोगों को निजात मिलेगी.