‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नतीजा हो सकती है विपक्षी एकता- Jairam Ramesh

शामली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ विपक्ष की एकता के लिए नहीं निकाली गई है, लेकिन विपक्षी एकता इस यात्रा के नतीजे के रूप में सामने आ सकती है.

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शामली के ऊंचागांव में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) द्वारा यात्रा को समर्थन दिए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा विपक्ष की एकता के लिए नहीं निकाली गई है, मगर विपक्ष की एकता इस यात्रा का एक नतीजा हो सकती है. रमेश ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस मजबूत होती है तो विपक्ष की एकता भी मजबूत होगी. एक कमजोर कांग्रेस विपक्ष की एकता को मजबूत नहीं कर सकती. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस मजबूत होगी और अगर कांग्रेस मजबूत है तो विपक्ष की एकता भी मजबूत होगी.

बहुत से लोगों ने समर्थन जताया है:
उन्होंने कहा कि बुधवार को रालोद के कई कार्यकर्ता बागपत में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए. सपा और बसपा के नेताओं से भी शुभकामनाएं मिलीं. वह राहुल गांधी के साथ चल नहीं पाए. किन कारणों से, मैं नहीं जानता, मगर यह कहना कि इस यात्रा को विपक्ष का समर्थन नहीं मिला, यह बिल्कुल गलत है. इस यात्रा के प्रति और भी बहुत से लोगों ने समर्थन जताया है, जो साथ चल नहीं पाए.

‘भारत के टुकड़े करने वालों’ द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाले जाने के भाजपा नेताओं के आरोप पर रमेश ने कहा कि हमने तो पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े किए हैं, हिंदुस्तान के नहीं. जो भारत के टुकड़े कर रहे हैं, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग हैं. ये लोग भाषा के नाम पर, प्रांत के नाम पर, जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, समाज को बांट रहे हैं. कांग्रेस ऐसा नहीं करती.

2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं:

क्या ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये कांग्रेस को अगले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा का साथ मिल सकता है, इस सवाल पर रमेश ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की जो तैयारी करनी है, वह अभी शुरू नहीं हुई है. विपक्ष से जो बातचीत होनी चाहिए एक सकारात्मक कार्यक्रम बनाने की दिशा में, उसकी अभी शुरुआत नहीं हुई है. उससे पहले 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. इसके बाद ही 2024 में क्या होगा, उस पर सोच विचार होगा.

हम आगे बढ़ेंगे और एक मजबूत विपक्ष बनाएंगे:
हालांकि, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कह सकता हूं कि हमें विपक्षी पार्टियों से जो समर्थन मिला है, वह अच्छा और सकारात्मक संकेत है. मुझे यकीन है कि इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ेंगे और एक मजबूत विपक्ष बनाएंगे.उन्होंने स्पष्ट किया, “सिर्फ मोदी विरोधी मंच बनाने से काम नहीं चलेगा. हमें जनता के सामने एक सकारात्मक साझा कार्यक्रम देना होगा कृषि के क्षेत्र में, उद्योग के क्षेत्र में, संविधान को और मजबूत करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संदर्भ में, अभी बहुत कुछ काम करना बाकी है. सोर्स-भाषा