VIDEO: जोनल डेवलपमेंट प्लान को लेकर जेडीए का बड़ा फैसला, कागजों में उकेरी सड़कों से प्रभावित लोगों को मिलेगी राहत

जयपुर: जयपुर जेडीए रीजन के जोनल डेवलपमेंट प्लान को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण ने कुछ बड़ा करने का फैसला किया है. इसके चलते जोनल प्लान में कागजों में उकेरी गई सड़कों के दायरे में बसें लोगों का निर्माण टूटने का डर खत्म होने वाला है. जयपुर विकास प्राधिकरण के करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके के लिए वर्ष 2018 में 17 जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाए गए थे. दरअसल गुलाब कोठारी प्रकरण में 12 जनवरी 2017 हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया कि बिना जोनल डेवलपमेंट प्लान लागू किए किसी प्रकार का नियमन, भू रूपांतरण अथवा भू उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही नहीं की जाएगी. इसके चलते हाईकोर्ट आदेश की पालना करने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से आनन-फानन में जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार कर लागू कर दिए गए. आपको सबसे पहले बताते हैं कि जेडीए रीजन के लिए बनाए गए इन सत्रह जोनल प्लान में किस प्रकार की खामियां हैं.

जोनल डवलपमेंट प्लान में रही खामियां:
-जोनल डवलपमेंट प्लान को महज रोड नेटवर्क प्लान के तौर पर बना दिया गया
-पार्क,स्कूल,अस्पताल,कम्युनिटी सेंटर,बस स्टैण्ड आदि जन सुविधाओं के लिए भूमि चिन्हित नहीं की गई
-माइक्रो लेवल प्लानिंग के बजाए मास्टरप्लान में दर्शाए लैंड यूज को ही मोटे तौर पर लागू किया गया
-थोड़ी दूर पर ही दो अधिक चौड़ी सड़कों को प्रस्तावित कर दिया गया
-सड़क अंकित करने के लिए जेडीए रीजन के बरसों पहले बनाए गए सेक्टर प्लान का सहारा लिया गया
-मौके पर ही बसावट व अन्य बदलावों को नजरअंदाज करते हुए सड़कें प्रस्तावित कर दी गई
-राज्य सरकार ने गुलाब कोठारी प्रकरण में दिए हाईकोर्ट आदेश के बाद निकायों को गाइडलाइन जारी की थी
-गाइडलाइन में बताया गया था कि किन मापदंडों की पालना करते हुए जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाना है
-लेकिन जेडीए की ओर से बनाए गए इन प्लान में इस गाइडलाइन की पूरी तरह पालना नहीं की गई

जयपुर के मास्टर प्लान 2025 के तहत इन जोनल डेवलपमेंट प्लान को बनाया गया था. इन प्लान के लागू होने की वैधता वर्ष 2025 है. लेकिन इनमें लगातार आती खामियों के चलते जयपुर विकास प्राधिकरण ने बड़ा फैसला किया है. जेडीए आयुक्त रवि जैन की अध्यक्षता में हाल ही हुई भवन मानचित्र समिति ले आउट प्लान की बैठक में गंभीर मंथन किया गया. आपको बताते हैं कि जोनल डेवलपमेंट प्लान में खामियों के कारण आमजन और जेडीए को किस तरह समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इस समस्या से निजात पाने के लिए जेडीए की भवन मानचित्र समिति ले आउट प्लान की बैठक में क्या निर्णय लिया गया है.

जोनल डवलपमेंट प्लान की खामियां होगी दूर:
-मौके पर बसी बसावट पर जोनल प्लान में प्रस्तावित की गई सड़कों को विलोपित करने,
-सड़कों का एलाइनमेंट बदलने और उनकी चौड़ाई कम करने के जेडीए को लगातार प्रस्ताव मिल रहे हैं
-स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रभावित लोग आए दिन जेडीए में इस बारे में गुहार करते हैं
-निजी योजनाओं व एकल भूखंड स्वीकृति के जेडीए में प्राप्त आवेदन में मौके के अनुसार मानचित्र लगे होते हैं
-ये मानचित्र जोनल प्लान में दिखाई सड़कों के एलाइनमेंट से मेल नहीं खाते हैं
-राज रिकॉर्ड में दर्ज रास्ते व मौजूद रास्ते भी जोनल प्लान की सड़कों के एलाइनमेंट से भिन्न होते हैं
-ऐसे में सड़कों के एलाइनमेंट व उसकी चौड़ाई को जोनल प्लान में अंकित करने की कार्यवाही की जाती है
-इसके चलते प्रकरणों के निस्तारण में बेवजह अधिक समय लगता है
-समस्या से निजात पाने के लिए जेडीए की भवन मानचित्र समिति ने सभी जोनल प्लान को रिव्यू करने का फैसला किया है
-प्लान में प्रस्तावित सड़कों का मौके की स्थिति के अनुसार परीक्षण किया जाएगा
-सभी जोन उपायुक्त अपने-अपने क्षेत्राधिकार में इस बारे में तीन महीने में प्रस्ताव तैयार कर समिति को भेजेंगे  
-इस फैसले के आधार पर जोन उपायुक्तों ने काम शुरू कर दिया है