जयपुर: राज्य सरकार की ओर से ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD)नीति लागू करने के छह दिन बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने बुधवार को पांच ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD)कॉरिडोर निर्धारत कर दिए हैं. आपको बता दें कि शहर में कोई ऐसी सड़क या रूट जहां से मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम से दिनभर में हजारों यात्रियों का आवागमन होता हो,ऐसे रूट,कोरिडोर या सड़क के दोनों तरफ आबादी का घनत्व बढ़ाने और नियोजित विकास के लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD)नीति लागू की जाती है. मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम जहां होता है,उसके चारों तरफ आबादी का घनत्व स्वाभाविक तौर बढ़ता है. इस नीति का मकसद नियोजित तरीके से बसावट करना है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में मेट्रो का पहले चरण पहले से ही क्रियान्वित है और पहले चरण करीब चार गुना अधिक लंबे रूट वाला मेट्रो का दूसरा चरण क्रियान्वित करने की भी तैयारी की जा रही है. भविष्य में प्रदेश के अन्य शहरों में मेट्रो परियोजना लाई जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से गत 10 दिसंबर को ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट नीति लागू की थी. इसी नीति के तहत आज जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पांच TOD कॉरिडोर निर्धारित किए गए हैं. इसके लिए जेडीए की ओर उदघोषणा कर दी गई है जारी. आपको बताते हैं कि जेडीए ने कौनसे पांच कॉरिडोर किए हैं निर्धारित और इनके निर्धारण से किस तरह राज्य सरकार को 60 करोड़ रुपए मिलेंगे.
ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD)नीति को लेकर बड़ी खबर:
-जेडीए ने चिन्हित किए पांच ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट कोरिडोर
-जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण के कोरिडोर में किए चिन्हित
-जेडीए की ओर से इस बारे में जारी की गई उदघोषणा
-हाल ही लागू TOD नीति के तहत जारी की गई उदघोषणा
-प्रथम चरण के रूट में वीर तेजाजी सर्किल से पंडित टीएन मिश्रा मार्ग जंक्शन तक
-1.4 किलोमीटर लंबा कोरिडोर,टीएन मिश्रा जंक्शन से भारत आश्रम मार्ग जंक्शन तक
-1.5 किलोमीटर कोरिडोर,इस मार्ग से लेकर जनपथ जंक्शन तक
-1.1 किलोमीटर लंबा कोरिडोर को किया TODकोरिडोर के तौर पर चिन्हित
-इसी तरह जनपथ जंक्शन से ईएसआई रोड जंक्शन तक 1.6किमी लंबा कोरिडोर,
-ESIरोड जंक्शन से टैंक रोड जंक्शन तक 1.3किमी लंबा कोरिडोर किया चिन्हित
-इस प्रकार जेडीए ने कुल 5 TOD कोरिडोर चिन्हित करने की की उदघोषणा
केन्द्र सरकार की SASCIयोजना के तहत है यह एक अहम रिफॉर्म:
-स्पे.असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट(SASCI)में है रिफॉर्म
-न्यूनतम पांच TODकोरिडोर चिन्हित करना है एक अहम रिफॉर्म
-सभी अरबन रिफॉर्म्स लागू करने की केन्द्र को भेजनी है पालना रिपोर्ट
-20 दिसंबर तक राज्य सरकार की ओर से भेजनी है पालना रिपोर्ट
-इसी के चलते जेडीए ने आज निर्धारित किए TOD कोरिडोर
प्रदेश को केन्द्र सरकार से मिलेंगे 60 करोड़ रुपए:
-इन दो अरबन रिफॉर्म्स को राज्य सरकार ने कर दिया है लागू
-पहला रिफॉर्म ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD)नीति करना है लागू
-यह नीति नगरीय विकास विभाग ने गत 10 दिसंबर को कर दी लागू
-इस रिफॉर्म को लागू करने से राज्य सरकार को मिलेंगे 10 करोड़ रुपए
-दूसरा रिफॉर्म है TODनीति के तहत TODनोड निर्धारित करना
-इस रिफॉर्म को लागू करने के लिए जेडीए ने आज किए निर्धारित
-जयपुर मेट्रो के पहले चरण के रूट में निर्धारित किए 5 TODकोरिडोर
-पहला चरण का एक्टिव रूट है बड़ी चौपड़ से मानसरोवर तक
केन्द्र सरकार के सुधारों के तहत जेडीए ने TOD कॉरिडोर निर्धारित तो कर दिए. लेकिन आगे किस तरह राज्य सरकार की ओर से लागू TOD की नीति के तहत मामले में काम होगा.आपको इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं.
जेडीए अब इन TOD कॉरिडोर में चिन्हित करेगा TODनोड:
-हर TODनोड के चारों तरफ 800मीटर का इलाका होगा TODजोन
-TOD नीति के तहत TODजोन में किया जाएगा विकास
-इस नीति के तहत अधिक निर्मित क्षेत्र (BAR)और
-मिश्रित उपयोग के प्रावधान किए गए हैं
-ताकि ट्रांजिट कॉरिडोर के दोनों तरफ नियोजित बसावट को मिले बढ़ावा
-और यहां स्थित लोग बिना अपना निजी वाहन का उपयोग करे पैदल
-या अन्य नॉन मॉटराइज्ड व्हीकल से पहुंच सकें ट्रांजिट स्टेशन तक
इस TOD जोन को शहर के मास्टर प्लान में किया जाएगा शामिल:
-प्राधिकरण की ओर से इस जोन के विकास का प्लान किया जाएगा तैयार
-जोन में शामिल सभी जमीनें और संपत्तियों का नीति के तहत हो सकेगा विकास
-इच्छुक भवन मालिक जोन में TODस्कीम तैयार करने के लिए कर सकेंगे आवदेन
-इस जोन के भूमि व संपत्ति मालिकों के लिए होगा स्वैच्छिक
-TODनीति के तहत भूमि या संपत्ति का विकास करना होगा स्वैच्छिक
-इस नीति के तहत स्कीम लाने वालों को ही मिलेगा नीति का फायदा
-इच्छुक भूमि मालिक TODस्कीम बनाने के लिए कर सकेंगे आवेदन
-उनके प्रस्ताव की जांच कर प्राधिकरण स्कीम को देंगे मंजूरी
ऐसे ट्रांजिट स्टेशन को TODनोड के तौर पर किया जाएगा चिन्हित:
-जिसके आस-पास खाली भूमि के चक हों उपलब्ध
-गवर्नमेंट हाउसिंग,कमर्शियल सेंटर्स,औद्योगिक क्षेत्र हो
-ताकि TODजोन निर्धारित कर उनका तेजी से किया जा सके विकास
-जहां पानी,बिजली व सीवरेज सुविधांए पहुंचाना आसान हो
-ऐसे स्थान TOD नोड के तौर पर किए जाएंगे चिन्हित
TODजोन में दो तरह की योजनाएं की जा सकेंगी विकसित:
-एक हैक्टेयेर से कम आकार की भूमि पर और
-एक हैक्टेयर या अधिक आकार भूमि पर की जा सकेंगी विकसित
-एक हैक्टेयर से कम आकार की भूमि की योजना के लिए होगा जरूरी
-योजना पूरी तरह इंटेंस डवलपमेंट एरिया में हो शामिल
-ट्रांजिट स्टेशन के 500 मीटर तक का दायरा अथवा
-ट्रांजिट स्टेशन की सेंट्रल लाइन से 500-800 मीटर दायरा किया है शामिल
-नीति के तहत इंटेंस डवलपमेंट एरिया में किया है शामिल
TODजोन में एक हैक्टेयर या इससे बड़ी ऐसी योजनाएं लाई जा सकेंगी:
-जिनका न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सा इंटेंस डवलमेंट एरिया में हो शामिल
-और पूरी योजना निर्धारित प्लानिंग एरिया में हो शामिल
-ऐसी योजना के लिए मिश्रित भू उपयोग होगा अनिवार्य
-एक निर्धारित अनुपात में मिश्रित भू उपयोग गतिविधि होगी अनिवार्य
-TODजोन में विकसित की जाने वाली योजना के लिए होगा जरूरी