VIDEO: जेएलएन मार्ग स्थित बेशकीमती भूमि के मामले में जेडीए जल्द लेगा एक्शन, जानिए क्या है पूरा मामला? देखिए ये खास ​रिपोर्ट

जयपुर: राजधानी जयपुर के जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित 200 फीट पट्टी की बेशकीमती जमीन के मामले में जेडीए जल्द एक्शन लेने वाला है. जेडीए अपीलीय अधिकरण के आदेश पर जेडीए दोनों पक्षों के दस्तावेज के अध्ययन के बाद मामले में फैसला करेगा. यह मामला है राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर जवाहर सर्किल के पास स्थित पंचशील एनक्लेव का. जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर जवाहर सर्किल से महावीर पार्क तक दोनों तरफ 200 फीट चौड़ाई में पट्टी निर्धारित है. इसी पट्टी में पंचशील एनक्लेव से लगती करीब 12 हजार वर्गगज भूमि पर कब्जा किया जाता रहा है. पहले यहां चारदिवारी बना ली गई. इसके बाद फिर कोठरी का निर्माण कर लिया गया. इस पर जेडीए ने 18 अगस्त 2023 को यहां कार्रवाई करते हुए भूमि पर बनी चारदिवारी और कोठरी को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद भूमि पर दावा करने वाले जेडीए अपीलीय अधिकरण में चले गए. पंचशील एनक्लेव की स्थानीय निवासी कुसुम यादव अधिकरण में इस मामले में इंटरविनर प्राथी के तौर पर शामिल हुई. कुसुम यादव की ओर से अधिकरण के बताया गया कि यह भूमि सार्वजनिक उपयोग की है और संबंधित गृह निर्माण सहकारी समिति ने यह भूमि जेडीए को समर्पित की थी. हाल ही इस पूरे मामले में जेडीए अपीलीय अधिकरण ने आदेश दिए हैं.

जेडीए अपीलीय अधिकरण के आदेश:
-मामले में दोनों पक्ष इंटरविनर प्राथी और भूमि पर दावा करने वाले अपीलार्थी, अपना-अपना पक्ष जेडीए को प्रस्तुत करेंगे
-दोनों पक्ष 15 दिन के भीतर दस्तावेजों के साथ जेडीए में अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे
-इन दस्तावेजों के अध्ययन के बाद जेडीए कारण अंकित करते हुए अपना निर्णय पारित करेगा
-विधिक कार्यवाही के दौरान भूमि पर दावा करने वाला पक्ष मौके पर कोई निर्माण नहीं करेगा
-अपीलार्थी के विरूद्ध आदेश पारित होने पर निर्माण हटाने के लिए जेडीए सात दिन का नोटिस देगा

मालवीय नगर गृह निर्माण सहकारी समिति की ओर से सृजित योजना पंचशील एनक्लेव के भूखंडधारी लंबे समय से कॉलोनी के नियमन की मांग कर रहे हैं. नियमन कराने के उद्देश्य से ही कॉलोनी की ओर से जवाहरलाल नेहरू मार्ग की 200 फीट पट्टी के लिए भूमि समर्पित की थी, लेकिन अब तक कॉलोनी का नियमन नहीं किया गया है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार इस महत्वपूर्ण 200 फीट पट्टी पर जेडीए की बिना स्वीकृति के एक ईंट भी नहीं रखी जा सकती है.  

ये है पूरा मामला:
- मालवीय नगर गृह निर्माण सहकारी समिति ने यहां पंचशील एनक्लेव योजना सृजित की थी
- योजना के नियमन के लिए गृह निर्माण सहकारी समिति ने जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी के लिए भूमि समर्पित की
- दिसंबर 1992 में समिति ने जेडीए को यह भूमि समर्पित की
-उप रजिस्ट्रार सहकारी समिति जयपुर शहर ने इस सहकारी समिति को लेकर 30 नवंबर 2017 जांच परिणाम जारी किया
-इस जांच में कहा गया कि जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी पर समिति ने 26 भूखंडों का सृजन किया है
-इस जांच में इन भूखंडों के सृजन को अवैध मानते हुए कहा गया कि इनका नियमन नहीं किया जा सकता
-जांच में यह भी कहा गया कि इस भूमि का उपयोग सामूहिक हित के रूप में ही किया जा सकता है
-समिति की ओर से सृजित इन भूखंडों के जारी  नाम हस्तांतरण पत्रों को जेडीए ने निरस्त कर दिया
-नाम हस्तांतरण की कार्यवाही पर कॉलोनी के लोगों की ओर से आपत्ति की गई थी
-इस आपत्ति पर जेडीए के उप रजिस्ट्रार सहकारिता ने आदेश जारी कर नाम हस्तांतरण की कार्यवाही को निरस्त किया
-इस आदेश में कहा गया कि सहकारी समिति अवसायक नियुक्त था
-इसके बावजूद समिति ने आवेदक के पक्ष में गलत व झूठा पत्र जारी किया
-इस आदेश में यह भी  कहा गया कि समिति की ओर से 200 फीट की पट्टी में पट्टे जारी नहीं किए जा सकते

जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित 200 फीट चौड़ी पट्टी में शामिल इस 250 करोड़ रुपए बाजार भाव की भूमि पर कब्जे के लगातार कोशिश की जाती रही है. जेडीए अपीलीय अधिकरण में लंबित इस मामले में जेडीए ने जमीन पर पर किए जा रहे दावे के खिलाफ जवाब दिया है. जवाब में खुद जेडीए ने माना है कि यह करीब 12 हजार वर्गगज भूमि गृह निर्माण सहकारी समिति की ओर से जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी के लिए विधिवत समर्पित की गई थी. इसलिए यह 200 फीट भू पट्टी जेडीए में निहित हो चुकी है. आपको विस्तार से बताते हैं कि इस भूमि को लेकर जेडीए ने अधिकरण में क्या जवाब दिया है.

जेडीए का जेडीए अधिकरण में जवाब:
-जेडीए के अनुसार पंचशील एनक्लेव योजना की 90 बी की कार्यवाही तो की गई है
-लेकिन इस भूमि पर सृजित किए गए दोनों भूखंड 200 फीट संस्थानिक पट्टी में स्थित है
-इस 200 फीट संस्थानिक पट्टी की भूमि समिति द्वारा प्राधिकरण जरिए अभ्यपर्ण विलेख समर्पित की गई है
-इसलिए 200 फीट भू पट्टी जेडीए में निहित हो चुकी है
-ये दोनों भूखंड इस पट्टी में होने के कारण गैर अनुमोदित रखे गए हैं
-इस भूमि पर निर्माण करने पर 17 अगस्त 2023 को प्रभावित पक्ष को जेडीए एक्ट की धारा 72 में नोटिस दिए गए हैं
-लेकिन नोटिस की अवधि में ना तो प्रभावित पक्ष ने कोई जवाब पेश किया
-और नहीं भूमि पर किए गए अतिक्रमण को खुद के स्तर पर हटाया गया
-18 अगस्त 2023 को जेडीए ने सामूहिक अभियान के दौरान भूमि पर बनी कोठरी व चारदिवारी को हटा दिया
-इस कार्रवाई के बाद प्रभावित पक्ष ने जेडीए अधिकरण में अपील पेश की है
-जेडीए की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के तथ्य को छिपाते हुए यह अपील पेश की गई है
-मौके पर अंकित नाम के आधार पर जेडीए की ओर से नोटिस जारी किया गया था