VIDEO: जयपुर में जेपी नड्डा बनाएंगे मिशन 2023 की रणनीति, कार्यकर्ताओं को देंगे एकजुटता का मंत्र, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जेपी नड्डा के कार्यकाल के 1 साल बढ़ाए जाने के साथ ही 23 जनवरी को अब जेपी नड्डा राजस्थान भाजपा संगठन की जयपुर में आकर नब्ज़ टटोलेंगे. जेपी नड्डा का जयपुर आने का प्रस्तावित कार्यक्रम है. भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 22 और 23 जनवरी को जयपुर में आयोजित की जा रही है. इस कार्यसमिति की बैठक में दूसरे दिन जेपी नड्डा का संबोधन होना है. यह कार्य समिति की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब विधानसभा चुनाव का महासंग्राम शुरू होने वाला है. विधानसभा के बजट सत्र के समापन के बाद ही दोनों ही पार्टियों में घमासान शुरू होगा. जिसकी सियासी बिसात बिछना शुरू भी हो गई है. जेपी नड्डा भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन कार्यसमिति सदस्यों को संबोधित करेंगे. 

दिल्ली की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में बनी रणनीति और योजना को कार्यकर्ताओं के सामने रखेंगे. साथ ही जेपी नड्डा का भाजपा कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक लेने का भी कार्यक्रम है. इस बैठक में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के तमाम प्रमुख नेताओं की मौजूदगी रहेगी. संगठन के तौर पर जेपी नड्डा प्रदेश भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को आगामी कार्य योजनाओ को सौंपकर जाएंगे. साथ ही बचे हुए चुनाव तक के समय में राज्य सरकार को किस तरीके से विधानसभा से लेकर सड़क पर घेरना है इस बात को लेकर भी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का मंत्र देंगे. क्योंकि जिस दिन जेपी नड्डा आएंगे उसी दिन से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू हो रहा है.

हालांकि भाजपा की बैठक लेने के बाद जेपी नड्डा अपने छोटे पुत्र के वैवाहिक समारोह के मद्देनजर जयपुर में ही रुकेंगे 25 जनवरी को नड्डा के पुत्र का विवाह समारोह है. जेपी नड्डा के इस दौरे के साथ ही तय मानकर चलिएगा की आगामी दिनों में राजस्थान के अन्य संभागों में भी अन्य बड़े नेताओं के दौरों को लेकर प्राथमिक तौर पर रणनीति भी तैयार होगी. भाजपा इन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस करेगी जहां पर भाजपा को बड़ी हार मिली थी या फिर जहां पर भाजपा के लिए जीत एक बड़ी चुनौती है, या कहा जाए तो भाजपा के लिए वह सीट आसान नहीं है.

कुल मिलाकर कहा जाए तो जेपी नड्डा के दौरे के बाद भाजपा के आगामी कार्यक्रम को दिशा मिलेगी और एक रोडमैप तैयार किया जाएगा. अब देखना यह होगा कि जेपी नड्डा के प्रदेश कार्यसमिति में आने के बाद और कोर कमेटी की बैठक में तमाम नेताओं को सियासी तौर पर टेस्ट देने के बाद नेता कितनी एकजुटता के साथ राज्य की कांग्रेस सरकार को और कांग्रेस को दो-दो हाथ कर पाएंगे.