नई दिल्ली: भारत की आबादी दुनिया में सबसे अधिक होने के बाद राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने बृहस्पतिवार को लोगों से जीडीपी, बेरोजगारी तथा वार्षिक मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत इन क्षेत्रों में अपने पड़ोसी देश चीन से पीछे है. पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री सिब्बल ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और मुद्रास्फीति के प्रमुख मापदंडों पर दोनों देशों के बीच अंतर को इंगित करते हुए ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा किए.
संयुक्त राष्ट्र के नए आंकड़ों के अनुसार, भारत की आबादी बढ़कर 142.86 करोड़ हो गई है, जो चीन की 142.5 करोड़ की आबदी से अधिक है. सिब्बल ने ट्वीट किया कि भारत आबादी के मामले में चीन से आगे है.. भारत की आबादी 142.86 करोड़ और चीन की आबादी 142.5 करोड़ है. अन्य क्षेत्रों की बात करें तो (2021) विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, चीन की जीडीपी 17730 अरब डॉलर जबकि भारत की 3180 अरब डॉलर है. बेराजगारी दर चीन में 4.8 प्रतिशत, भारत में 7.7 प्रतिशत है. वार्षिक मुद्रास्फीति (उपभोक्ता मूल्य) चीन में एक प्रतिशत और भारत में 5.1 प्रतिशत है. इस पर विचार करें. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस ने भी बुधवार को बेरोजगारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा था.
India ahead of China
— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 20, 2023
Population :
India 1428 mn
China 1425 mn
Other indicators(2021)
World Bank Data :
GDP
China : $17.73 trillion
India : 3.18 trillion
Unemployment:
China : 4.8%
India: 7.7%
Annual inflation
(consumer prices) :
China : 1%
India : 5.1%
Think about it !
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा था कि जनसंख्या बढ़ रही है और भारत दुनिया का सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश बन रहा है, लेकिन हमारे युवाओं के लिए नौकरियां कहां हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ जिसे जनसांख्यिकीय लाभांश कहा जाता था, वह आज एक जनसांख्यिकीय आपदा बन सकता है क्योंकि हमारे युवाओं के पास रोजगार नहीं है और उनके रोजगार को लेकर कोई बात नहीं कर रहा. सोर्स- भाषा