बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे सिद्धारमैयाऔर डी के शिवकुमार के साथ राज्य में कांग्रेस के आठ वरिष्ठ नेता शनिवार को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ जो प्रमुख नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, उनमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, लिंगायत नेता एम बी पाटिल और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन कार्जुन खरगे के पुत्र प्रियंक खरगे शामिल हैं. परमेश्वर और प्रियंक दलित समुदाय से आते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इनके अलावा, पार्टी के वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. मुनियप्पा भी दलित समुदाय से आते हैं. वहीं, खान और जॉर्ज का संबंध अल्पसंख्यक समुदाय से है. जार्कीहोली अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, जबकि रामालिंगा रेड्डी का संबंध रेड्डी जाति से है.
मुख्यमंत्री बनने जा रहे सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय के हैं. इससे पहले, सिद्धारमैया और शिवकुमार ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा की थी तथा वरिष्ठ नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था.
उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था:
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार को हुई बैठक में सिद्धारमैया को औपचारिक रूप से नेता चुन लिया गया था, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था. सिद्धरमैया और शिवकुमार शनिवार को बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में दोपहर साढ़े बारह बजे कुछ मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण कर सकते हैं.
पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की:
सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की है, जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों और पुरानी तथा नयी पीढ़ियों के विधायकों का प्रतिनिधित्व हो. कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है और अनेक विधायक मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं.
10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम की थीं:
कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम की थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीती थीं. सोर्स- भाषा