झारग्राम: पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर कुड़मि समुदाय के विभिन्न संगठनों के सड़क और रेल रोको अभियान के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को 88 ट्रेन रद्द की गईं जबकि सैकड़ों वाहन सड़कों पर फंसे रहे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के अनुसार विरोध प्रदर्शन कुड़मि समाज पश्चिम बंगाल द्वारा खड़गपुर स्थानीय थाना क्षेत्र के खेमासुली में मंगलवार सुबह छह बजे शुरू हुआ और लोगों ने कोलकाता को मुंबई से जोड़ने वाले पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग-छह की नाकाबंदी कर दी.
अधिकारियों ने बताया कि कुड़मि समुदाय का एक अन्य संगठन आदिवासी कुड़मि समाज, बुधवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गया, इसके बाद खड़गपुर-टाटानगर खंड में खेमासुली स्टेशन और पुरुलिया जिले के आद्रा-चांडिल खंड में कुस्तौर स्टेशन पर रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया. दक्षिण-पूर्वी रेलवे की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक बृहस्पतिवार को रद्द की गई ट्रेनों में हावड़ा-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस, हावड़ा-जगदलपुर एक्सप्रेस, हावड़ा-पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा-रांची एक्सप्रेस, शालीमार-एलटीटी एक्सप्रेस, हावड़ा-मुंबई सीएसएमटी मेल एक्सप्रेस और संतरागाछी-रानी कमलापति हमसफर एक्सप्रेस शामिल हैं. दक्षिण-पूर्वी रेलवे ने कहा कि पुरी-नयी दिल्ली एक्सप्रेस, मुंबई-सीएसएमटी-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस और जगदलपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी रद्द की गयीं. बुधवार से लेकर अब तक कुल 223 ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है. दक्षिण-पूर्वी रेलवे की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को चलने वाली 59 एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनें तथा शनिवार को चलने वाली चार ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. आंदोलन के चलते बुधवार को 46 एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं थीं.
अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं, जिससे पश्चिम मेदिनीपुर और झारग्राम जिलों में आस-पास की सड़कों पर भी भारी जाम लग गया है. अधिकारियों ने कहा कि कुछ वाहनों को नाकाबंदी से बचने के लिए झारग्राम में बलीभाषा के रास्ते रवाना किया जा रहा था. सड़कों पर फंसे हुए वाहनों के चालकों ने कहा कि उन्हें भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिम मेदिनीपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को आंदोलनकारी संगठनों के साथ बैठक की, लेकिन इसे लेकर कोई समझौता नहीं हो सका. कुड़मि समुदाय को वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा प्राप्त है, और वह अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर दक्षिण दिनाजपुर, पुरुलिया, झारग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल के कुड़मि समुदाय के नेता तपस महतो ने कहा, ‘‘ जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती तब तक नाकाबंदी जारी रहेगी. सोर्स- भाषा