जयपुर: राजधानी जयपुर के माचेड़ा स्थित गणेश विहार पांच योजना के भूखंडधारी आए दिन योजना की भूमि पर हो रही कब्जे की कारगुजारियों से परेशान हैं. इन भूखंडधारियों ने योजना का नियमन कराने की जेडीए से मांग की है. उधर गणेश विहार पांच योजना सृजित विकसित करने वाली गणपति गृह निर्माण सहकारी समिति के मंत्री राजेन्द्र केड़िया ने भूखंडधारियों के हितों की रक्षा के लिए पुलिस,प्रशासन,सरकार और न्यायालय का आभार जताया है. राजधानी के माचेड़ा स्थित गणेश विहार पांच योजना की भूमि पर कब्जे को लेकर भूमाफिया नित नए हथकंड़े अपना रहे हैं.
वहां करीब बीस साल से रह रहे भूखंडधारियों को भूमाफिया की ओर से धमकाया जा रहा है. मामला ग्राम माचड़ा के खसरा नंबर 841 व 843 की भूमि का है. यह भूमि गणपति गृह निर्माण सहकारी ने खातेदार लालचंद से खरीदी थी. वर्ष 2003-04 में जेडीए की ओर से इस भूमि की 90 बी की कार्यवाही भी करवा दी गई. इसके बावजूद यहां भूमाफिया की ओर से बार-बार परेशान किए जाने पर भूखंडधारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत की. इस शिकायत की जांच अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम की ओर से कराई गई. आपको बताते हैं कि पुलिस की जांच रिपोर्ट में किस तरह भूमाफिया की कारगुजारी सामने आई है.
किस तरह सामने आई भूमाफिया की कारगुजारी?
-पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जमीन पर गणेश विहार पांच योजना सृजित होने के बावजूद भूमाफिया की ओर से जमीन पर कब्जे प्रयास किए गए
-जेडीए से 90 बी होने के बावजूद भूमि का नामांतरण जेडीए के पक्ष में नहीं खुला
-इसी का फायदा उठाते हुए लालचंद की मृत्यु के बाद उसके वारिसान ने भूमि का नामांतरण अपने नाम खुलवा लिया और भूमि को विभिन्न लोगों को बेचना शुरू कर दिया
-इसके बाद मिलीभगत कर जेडीए से वर्ष 2017 में 1956 वर्गगज भूमि की 90 ए भी करवा ली गई
-मामला सामने आने के बाद जेडीए ने 13 जनवरी 2025 को वर्ष 2017 में की गई 90 ए की कार्यवाही को स्थगित कर दिया है
-लालचंद के वारिसान शंकरलाल कुमावत ने रामलाल सैनी को जमीन बेच दी
-भूमि का कब्जा खुद के पास नहीं होने के बावजूद रामलाल सैनी ने यह भूमि ओमप्रकाश चारण को बेच दी
-मौके पर कब्जा नहीं होने के बावजूद भूखंडधारियों के कब्जेशुदा भूखंडों पर जबरन कब्जा करने की यह कवायद है
-ओमप्रकाश चारण की ओर से भूमि का कब्जा नहीं होने के बावजूद भूमि का विक्रय किया गया
-पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि कागजों में ही बार-बार नुमाइश के तौर पर भूमि का विक्रय किया जा रहा है
-और यह क्रय-विक्रय अवैध रूप से बेचान किए जाने की श्रेणी में आता है
-भूखंडधारियों की ओर से पुलिस में दर्ज कराए मामले पर पुलिस ने शंकरलाल कुमावत के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया
-इसके बावजूद शंकरलाल कुमावत ने बिना कब्जे के भूमि को रामलाल सैनी को बेच दिया
-रामलाल सैनी जब भूमि पर कब्जा करने पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया
पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में भूखंधारियों की ओर से की गई शिकायत को सही माना. गणपति गृह निर्माण सहकारी समिति के मंत्री राजेन्द्र केड़िया का कहना है कि इस भूमि को लेकर चल रहे सभी वाद न्यायालय ने निस्तारित कर दिए हैं. पुलिस में दर्ज कराए झूठे मामलों पर एफआर लग चुकी है. उन्होंने मामले में भूखंडधारियों के हितों की रक्षा के लिए पुलिस,प्रशासन और राज्य सरकार का आभार जताया है.
उधर गणेश विहार पांच योजना के भूखंडधारियों का कहना है कि वे योजना की भूमि पर करीबी बीस साल से काबिज है. जेडीए की ओर से यहां सड़क व सीवर आदि की सुविधाएं विकसित की जा चुकी हैं. इसके बावजूद भूमाफिया उन्हें आए दिन परेशान करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि जेडीए की ओर से योजना का नियमन कर उन्हें भूखंडों के पट्टे दिया जाए ताकि वे चैन से रह सकें. समय के साथ गणेश विहार पांच योजना की भूमि की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है. यही कारण है कि भूमि पर अवैध कब्जे की कारगुजारियां चलती आ रही हैं. इनकी रोकथाम के लिए भूखंडधारियों की मांग है कि जल्द योजना का नियमन किया जाए.