जयपुर: निकायों की ओर से भूमि आवंटन से जुड़े अस्पतालों की सूची तैयार कर ली गई है. राइट टू हैल्थ कानून के तहत तैयार की गई इस सूची को नगरीय विकास विभाग और चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग मंथन करेंगे. प्रदेश की विधानसभा के हाल समाप्त हुए बजट सत्र में राइट टू हेल्थ कानून पारित हुआ था. अब यह कानून प्रदेश में लागू हो चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर इस प्रकार का कानून लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य भी बन गया है. निजी अस्पतालों के संगठनाें व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ हुए समझौते के मुताबिक यह तय किया जा चुका है कि इस कानून के दायरे में कौनसे अस्पताल आएंगे और कौनसे नहीं? इस समझौते के अनुसार आपको बताते हैं कि किस प्रकार के अस्पतालों को राइट टू हेल्थ कानून के तहत इलाज करना है और किस प्रकार के अस्पतालों को नहीं.
कौनसे अस्पताल आएंगे और कौनसे नहीं:
-50 बिस्तर से कम बिस्तर वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों पर यह कानून लागू नहीं होगा
-जो अस्पताल राज्य सरकार की ओर से दी गई सुविधा के बिना स्थापित हुए हैं
-बतौर सुविधा इन अस्पतालाें ने रियायती दर पर भवन या भूखंड सरकार से नहीं लिया है
-ऐसे सभी अस्पताल भी राइट टू हेल्थ कानून के दायरे से बाहर होंगे
-इनके अलावा निजी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल,
-पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर स्थापित अस्पताल,
-रियायती या मुफ्त में सरकार से भूमि लेकर स्थापित अस्पताल और
-ट्रस्ट की ओर से संचालित ऐसे अस्पताल जो सरकार से सहायता प्राप्त है
-भूमि या भवन दिए जाने के रूप में अस्पतालों को सरकार ने सहायता दी है
-ऐसे सभी अस्पतालों पर राइट टू हैल्थ कानून लागू हैं
राज्य सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व निजी अस्पतालों के संगठनों के बीच हुए समझौते के मुताबिक रियायती दर पर या मुफ्त में भूखंड लेने वाले अस्पताल राइट टू हेल्थ कानून के दायरे में आएंगे. भूखंड आवंटन का काम संबंधित निकाय चाहे वह विकास प्राधिकरण हो,न्यास हो या नगरपालिका,नगर परिषद या फिर नगर निगम,उनकी ओर से ही किया जाता है. इसी लिहाज से नगरीय विकास विभाग ने आवासन मंडल और प्रदेश के सभी नगर सुधार न्यास व विकास प्राधिकरणों से ऐसे मामलों की सूची मांगी थी. भेजी गई जानकारी के मुताबिक नगरीय विकास विभाग ने आवासन मंडल व विभिन्न निकायों की ओर से अस्पताल के लिए आवंटित भूमि के प्रकरणों की सूची तैयार कर ली है. इस सूची में विभिन्न शहरों में आरक्षित दर,आरक्षित दर के 25 से 50 प्रतिशत, डीएलसी दर की 5 प्रतिशत दर,1 रुपए टोकन मनी और अन्य रियायती दर पर भूमि आवंटित कराने वाले अस्पतालों के नाम हैं.
कौनसे अस्पताल आएंगे और कौनसे नहीं:
-नगरीय विकास विभाग ने यह सूची चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है
-कुल 84 प्रकरणों की इस सूची में विभिन्न शहरों में संचालित 74 अस्पताल हैं
-इस सूची में ऐसे अस्पताल भी हैं,जिन्हें निकायों ने एक बार से अधिक बार भूमि आवंटित की है
-जयपुर में महावीर कैसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर को पांच बार भूमि आवंटित हुई है
-इस अस्पताल को पांचों बार एक रुपए टोकन मनी पर भूमि दी गई है
-संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल को छह बार भूमि आवंटित की गई है
-इस अस्पताल को आरक्षित दर के एक चौथाई और आरक्षित दर की आधी राशि पर भूमि आवंटित हुई है
-जयपुर कैलगिरी चेरिटेबल हॉस्पिटल को दो बार भूमि आवंटित हुई है
-कोटा में भारत विकास परिषद ने 30 रुपए प्रति वर्गमीटर में दो बार जमीन ली है
-प्रकाश मदर एवं चाइल्ड हॉस्पिटल को जयपुर में आरक्षित दर पर दो बार जमीन मिली है
-जयपुर में मोनिलेक अस्पताल को आरक्षित दर पर दो बार जमीन मिली है
-अमर जैन चैरिटेबल ट्रस्ट को दो बार आरक्षित दर पर भूमि दी गई है
-साकेत मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर को जयपुर में दो बार भूमि आवंटित हुई है