रायपुर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में जनविरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से छुटकारा पाने के लिए एक ठोस विकल्प देने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ तालमेल करना चाहती है और इस लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते कोई भी बलिदान करने को तैयार है. कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में अपने संबोधन में खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि दिल्ली के एक ऐसे प्रधान सेवक हैं, जो हर रोज विज्ञापन छपवाते हैं, अपने ही मित्र की सेवा में लगे हैं.
कांग्रेस प्रमुख ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोगों का डीएनए गरीब विरोधी है और वे लोकतंत्र को ‘‘नष्ट’’ करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने देश में मौजूदा स्थिति के खिलाफ आंदोलन करने का भी आह्वान किया. खरगे ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए पार्टी नेता राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा ने देश को एकजुट किया, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए. उन्होंने कहा कि यह यात्रा आज लोगों के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों के खिलाफ एक मजबूत आवाज के रूप में उभरी है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की चुनौतियों में हमारे देश के संवैधानिक मूल्यों, लोकतंत्र और सामाजिक ताने-बाने पर लगातार हमला, चीन के साथ लगती सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे, नफरत और भय का मौजूदा माहौल, सर्वकालिक उच्च मुद्रास्फीति, रिकॉर्ड बेरोजगारी और बढ़ती आर्थिक असमानता शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सक्षम और निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने देश के लोगों की प्रभावी ढंग से सेवा की.
खड़गे ने कहा कि हम एक बार फिर जनविरोधी और अलोकतांत्रिक भाजपा सरकार को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करके एक व्यवहार्य विकल्प बनाने के लिए तत्पर हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने देश के लोगों की भलाई और कल्याण के लिए प्रयास करने को तैयार हैं और इसके लिए जो भी बलिदान करना होगा, वह करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यों के आगामी चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए लक्ष्य स्पष्ट है. खड़गे ने अपने संबोधन में यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग जनता के अधिकारों पर हमला कर रहे हैं और ऐसे प्रयासों के खिलाफ आंदोलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज सबको ‘सेवा, संघर्ष और बलिदान, सबसे पहले हिंदुस्तान’ का संकल्प लेना होगा.
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा संसदीय और संवैधानिक परंपराओं को तोड़ रही है और सरकारों को गिराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी के साथ पार्टी के महाधिवेशन को भी निशाना बनाया गया था लेकिन कांग्रेस नेताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी कि महाधिवेशन का आयोजन हो सके.
खड़गे ने उद्योगपति गौतम अडाणी के परोक्ष संदर्भ में कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि हमारा देश किस चौराहे पर खड़ा है जहां किसानों की प्रतिदिन की आय 27 रुपये है जबकि प्रधानमंत्री के एक मित्र की संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने दावा किया कि 72 प्रतिशत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) कोविड के दौरान कुछ नहीं अर्जित कर सके, लेकिन प्रधानमंत्री के एक दोस्त की संपत्ति में 1,300 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार देश की सारी संपत्ति अपने दोस्तों को सौंप रही है. खड़गे ने कहा कि वे रेल, बीएचईएल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड), सेल (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड) और आसमान से लेकर जमीन तक जो कुछ भी अस्तित्व में है, सब कुछ बेच रहे हैं.उन्होंने कहा कि लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या एलआईसी (जीवन बीमा निगम) और एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) बचेंगे या ये संस्थान भी बेचे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि आज यह स्थिति है कि गरीब और मध्यम वर्ग पीड़ित है, महंगाई ने घर का बजट बिगाड़ दिया है लेकिन मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों की संपत्ति इतनी बढ़ गई है कि उनमें से एक दुनिया का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बन गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आर्थिक विषमताओं के बीच गरीबों, एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति), ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें सत्ता के बुलडोजर के नीचे कुचला जा रहा है.
उन्होंने चीन के साथ सीमा के मुद्दे पर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि चीन ने घुसपैठ की लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी अंदर नहीं आया है. खड़गे ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने से ही साबित होगा कि आपके पास 56 इंच का सीना है, नहीं तो हमें लगेगा कि यह सीना सिकुड़ गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी नफरत के मौजूदा माहौल से देश को छुटकारा दिलाने और सद्भाव का माहौल बनाने का भी प्रयास करेगी. खड़गे ने कहा कि हमारा उद्देश्य लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों को गिराने में धन बल, बाहुबल और सीबीआई, ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकना है. (भाषा)