8 अप्रैल का इतिहास: आज के दिन आजादी की लौ जलाने वाले मंगल पांडे को हुई फांसी

8 अप्रैल का इतिहास: आज के दिन आजादी की लौ जलाने वाले मंगल पांडे को हुई फांसी

नई दिल्ली: देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें और उनका भविष्य सुरक्षित हो, इसके लिए देश के कई नौजवानों ने अपने वर्तमान की कुर्बानी दे दी. आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित है. 1857 में देश में आजादी की पहली चिंगारी सुलगाने वाले मंगल पांडे को आठ अप्रैल के दिन फांसी दे दी गई थी.

इस दिन के साथ एक और घटना भी जुड़ी है. देश में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने आठ अप्रैल 1929 को दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में बम फेंका था. इस बम धमाके का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ दुनिया का ध्यान आकृष्ट करना था.

देश दुनिया के इतिहास में आठ अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार हैं:- 

1857: ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे को फांसी दे दी गई.

1894: भारत के राष्ट्रीय गीत बंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन.

1929: क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्‍वर दत्त ने दिल्ली असेंबली हॉल में बम फेंका और गिरफ्तारी दी. 

1950: भारत और पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता. यह समझौता दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाओं को ख़त्म करने के मकसद से किया गया था.

1973: स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन. इन्हें 20वीं शताब्दी का संभवत: सबसे प्रभावी चित्रकार माना जाता है.

2013: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचर का लंदन में निधन . वह ग्रेट ब्रिटेन ही नहीं किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटेन की एकमात्र प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने तीन बार लगातार यह पद संभाला.

2020: देश में कोरोना संक्रमित मामले 5,700 के पार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी. सोर्स-भाषा