मनमोहन सिंह की राजस्थान से जुड़ी यादें, 10 साल पीएम रहने के दौरान कई दफा मरुभूमि आए, कई प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास औऱ उदघाटन किए

जयपुर: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह इस दुनिया से अलविदा हो गए हैं.हर कोई उनके निधन पर शोक जता रहा है.आपको बता दे कि मनमोहन सिंह का राजस्थान से भी हमेशा गहरा जुड़ाव रहा था.मरुभूमि में उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स की नींव रखी और लोकार्पण भी किए.जिसमें पचपदरा रिफाइनरी जैसी एक बड़ी सौगात भी शामिल थी.खास बात यह थी मनमोहन सिंह आखिरी बार राज्यसभा सांसद राजस्थान से ही निर्विरोध बने थे. देखिए, पूर्व पीएम की राजस्थान की यादों से जुड़ी यह एक खास रिपोर्ट.

प्रोफेसर से प्रधानमंत्री जैसी कुर्सी पर पहुंचे मनमोहन सिंह के जीवन का सफर कल थम गया.आज भले ही वो हमारे बीच में नहीं रहे लेकिन उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेगी.हर कोई उनके निधन पर शोक जता रहा है.उनकी उपलब्धियों और देश के लिए योगदान पर प्रकाश डाल रहा है.तो हम आपको बताते है हमारे रंगीले राजस्थान से जुड़ी उनकी कुछ यादों के बारे में.दस साल पीएम रहने के दौरान मनमोहन सिंह ने कईं मर्तबा राजस्थान के दौरे किए.इस दौरान उन्होंने कईं प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास किए तो कईं प्रोजेक्ट के लोकार्पण भी किए.

साल 2012 में दूदू में आधार आधारित सेवाओं की लॉन्चिंग की:
-जनवरी 2012 में जयपुर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का किया उद्घाटन
-2013 में पचपदरा रिफाइनरी का शिलान्यास किया
-सितंबर 2013 में किशनगढ़ एयरपोर्ट की नींव रखी
-साथ ही जयपुर मेट्रो फेज वन बी का भी शिलान्यास किया

वहीं पूर्व पीएम का गुलाबी नगरी से भी नाता था.पीएम बनने से ठीक पहले साल 2002 से लेकर साल 2004 तक वो जयपुर स्थित विकास अध्ययन संस्थान की गर्वनिंग काउंसिल के दो साल चेयरमैन भी रहे थे.आज भी संस्थान में उनका चैंबर और नेम प्लेट यथावत है.राजस्थान के नेताओं ने भी सिंह के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है.पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने उनके निधन को गहरी क्षति बताया.कहा उनके जाने से सियासत में एक शून्यता आ गई है.उनकी सादगी और विनम्रता का कोई मुकाबला नहीं था.

और आखिर में राजस्थान से जुड़ी उनकी सबसी बड़ी बात थी कि उन्होंने अपनी अंतिम सियासी पारी राजस्थान से ही खेली थी.मनमोहन सिंह करीब 33 साल तक राज्यसभा सांसद रहे थे और आखिरी बार राजस्थान से ही सिंह निर्विरोध सांसद चुने गए थ.इसी साल अप्रैल में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था फिर उनकी खाली सीट से सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजा गया था.खैर,आर्थिक सुधार के हीरो मनमोहन सिंह मौन हो चुके है.लेकिन यादें हमेशा सबके जेहन में जिंदा रहेगी.

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