VIDEO: मेडिकल में बोनस अंक के फेर में लूटते बेरोजगार ! जम्बो भर्तियों के बाद खाली हुए पदों पर ठेकाकर्मी लगाने की व्यवस्था बिगाड़ रही छवि

जयपुर : प्रदेश के अस्पतालों में ठेके पर नौकरी लगाने के लिए बेरोजगारों से बड़ी लूट चल रही है. फिर चाहे मेडिकल कॉलेज के अटैच अस्पताल हो या फिर जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी से नौकरी की उम्मीद, स्थाई भर्ती में बोनस अंक का लालच दिखाकर इनदिनों अल्पवेतन कार्मिंकों को नौकरी पर लगाने के लिए मनमानी शुरू हो गई है. स्थित ये है कि जयपुर समेत कई जिलों से अवैध वसूली और एजेंटों की सक्रियता के विडियो वायरल हो रहे है.

चिकित्सा विभाग में इनदिनों ठेके पर नौकरी का बड़ा खेल चल रहा है. दरअसल, विभाग में बरसों से ठेके पर नौकरी कर रहे कार्मिक हाल ही में हुई नियमित भर्तियों में चयनित हो गए. भर्ती में बोनस अंक का फायदा मिलने से हजारों ठेकाकर्मियों की स्थाई नौकरी लगी है. ऐसे में भर्तियों के बाद जैसे ही ठेके के पद खाली हुए, तो बेरोजगारों में इस उम्मीद के साथ ही ठेके पर लगने की होड़ मच गई है कि आगे उन्हें भी बोनस अंक का फायदा मिलेगा और वे भी स्थाई नौकरी में लग जाएंगे बेरोजगारों की इस जरूरत का फायदा उठाने के लिए राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में ठेकेदार और अस्पतालों के कुछ कर्ताधर्ता एक्टिव हो गए है. कई जिलों में तो ठेके पर नौकरी लगाने के लिए एजेंट सक्रिय है, जिनके खुलेआम पैसा मांगकर ठेके पर नौकरी लगाने के दावे के ऑडियो-वीडियो वायरल हो रहे है. आईए आपको बताते है कि अल्पवेतन के बावजूद बेरोजगारों में क्यों पर ठेके पर लगने का क्रेज.

-ठेके पर तीन साल काम, तो शतप्रतिशत सरकारी नौकरी
-चिकित्सा विभाग की भर्ती पॉलिसी से जुड़ी खबर
-पिछले दिनों में चिकित्सा विभाग में 23000 से अधिक हुई भर्तियां
-इस भर्तियों के चयनितों का आंकड़ा देखे तो अधिकांश वे जो रह चुके ठेकाकर्मी
-इसके पीछे की वजह ये है कि ठेकाकर्मियों को नौकरी में बोनस अंक का है प्रावधान
-एक साल की ठेका सर्विस पर दस, दो साल की ठेका सर्किस 20 और
-तीन साल की ठेका सर्विस पर अधिकतम 30 फीसदी बोनस अंक का मिलता है फायदा
-ऐसे में प्रदेशभर में ठेके पर बरसों से कार्यरत कार्मिकों की लग चुकी स्थाई नौकरी
-यह देख अब बोनस अंक की आस में ठेके पर लगने के लिए कार्मिक कर रहे जतन
-बेरोजगारों की इसी जरूरत का फायदा उठाने के लिए कई असामाजिक तत्व सक्रिय
-विभाग के उच्च स्तर पर बैठे लोगों के नाम पर बेरोजगारों को किया जा रहा है गुमराह

चिकित्सा विभाग ने पिछले दिनों 23 हजार से अधिक रिकॉर्ड तोड भर्तियों की प्रक्रिया को न सिर्फ पूरा किया, बल्कि पारदर्शी तरीके से पोस्टिंग देकर बेरोजगारों को बड़ी राहत दी है. लेकिन इस पूरी कवायद में बाद खाली हुए ठेके के पदों को लेकर विभाग की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. फिर चाहे प्रदेश का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल हो या फिर जिले के चिकित्सा संस्थान, कमोबेश सभी जगहों से ठेके की नौकरी को लेकर गंभीर तरह की शिकायतें आ रही है...ऐसे में सभी कर्मचारी संगठनों ने इस व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कोई गाइडलाइन बनाने की मांग उठाई है.